नई दिल्ली।। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद को लेकर मामला विवादों में फंस गया है। चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री विजय बहुगुणा को हटाकर हरीश रावत को कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन कांग्रेस के 18 विधायक उनके खिलाफ नजर आ रहे हैं।
नाराज विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर हरीश रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध किया है। रावत विरोधी अभियान में उत्तराखंड के कई बड़े कांग्रेसी नेता शामिल नजर आ रहे हैं।
इन विधायकों का कहना है कि अगर नेतृत्व में परिवर्तन होना ही है तो अगला मुख्यमंत्री मौजूदा विधायकों से चुना जाना चाहिए।
इस लिस्ट में प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्या, मंत्री हरक सिंह रावत और अमृता रावत जैसे नाम शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इन विधायकों ने अपने पत्र में मीडिया में छपी खबरों का हवाला दिया है।
पत्र में लिखा है कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मीडिया में चर्चा हो रही है। इस तरह की अफवाहों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचता है।
मीडिया में हरीश रावत का नाम चल रहा है। रावत ने पहले भी अपने 7 समर्थक विधायकों के साथ पार्टी के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने पार्टी आलाकमान के फैसले का विरोध कर पार्टी की छवि धूमिल की थी इसलिए हम नहीं चाहते कि वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनें।
उधर, हरीश रावत खेमा इस चिट्ठी को झूठा करार दे रहा है। दरअसल पिछले दिनों कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने के बाद कयासों का दौर शुरू है।
बैठक में तय हुआ था कि उत्तराखंड के सीएम के बारे में फैसला विधानसभा के मौजूदा सत्र के बाद लिया जाएगा। माना जा रहा है कि उत्तराखंड कांग्रेस में विजय बहुगुणा को लेकर नाराजगी चल रही है।
उधर, हरीश रावत खुलकर तो कुछ नहीं कहते, लेकिन हालात पर उनकी पैनी नजर है। रावत विरोधी खेमा भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
इस बीच उत्तराखंड में विधायकों और मंत्रियों का मुख्यमंत्री से मुलाकात का दौर भी जारी रहा। विधानसभा में कांग्रेस के 32 विधायक हैं और 7 पीडीएफ के सहयोगी हैं।
नई दिल्ली।। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की शानदार जीत दर्ज करने के बाद अब “आप” की दिल्ली में लोकसभा चुनाव में भी ऐसी ही कामयाबी दोहरा सकती है।
सर्वे के मुताबिक लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी दिल्ली में कांग्रेस-बीजेपी का सफाया कर देगी। मुंबई में भी पार्टी शानदार प्रदर्शन कर सकती है।
दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में किए गए एक चुनावी सर्वे में कुछ ऐसा ही तस्वीर सामने आ रही है।
सर्वे के मुताबिक दिल्ली के सात में से छह लोकसभा सीटों पर आप जीत का परचम लहरा सकती है। बीजेपी को महज एक सीट मिलेगी जबकि कांग्रेस खाली हाथ ही रह जाएगी। एक न्यूज चैनल के लिए एसी नीलसन के सर्वे में ये बात सामने आई है।
सर्वे के अनुसार लोकसभा चुनाव 2014 में दिल्ली के छह सीटों के अलावा मुंबई-ग्रेटर मुंबई और नोएडा-गाजियाबाद क्षेत्र के एक-एक लोकसभा सीट पर भी आप जीत हासिल करेगी। आप के इस प्रदर्शन का नुकसान बीजेपी कम और कांग्रेस ज्यादा भुगतेगी।
सर्वे के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर-मुंबई की 21 लोकसभा सीटों में आप कांग्रेस-यूपीए को जबरदस्त नुकसान पहुंचेगी। कांग्रेस और यूपीए के घटक दलों के पास 17 सीटें हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में यूपीए महज 3 सीटें जीत पाएगी। सर्वे कहता है कि बीजेपी 10 और आम आदमी पार्टी 8 सीटों पर जीत हासिल करेगी।
सर्वे के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में पीएम पद के लिए लोगों की पहली पसंद नरेंद्र मोदी ही हैं। दूसरे नंबर पर राहुल गांधी और तीसरे नंबर पर अरविंद केजरीवाल हैं।
लेकिन दिल्ली-एनसीआर में अरविंद केजरीवाल ने मोदी को जबरदस्त टक्कर दी है। सर्वे के अनुसार 45 प्रतिशत लोग मोदी को पीएम बनते देखना चाहते हैं, जबकि 42 प्रतिशत लोगों की पसंद केजरीवाल हैं।
नई दिल्ली।। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक अखबार के इंटरव्यू में कहा है कि वो पार्टी की कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। अगर पार्टी ये तय करती है कि उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए तो वो इस जिम्मेदारी से भी पीछे नहीं हटेंगे।
इंटरव्यू में राहुल ने ये बात भी साफ की कि प्रियंका गांधी कि कोई चुनावी भूमिका नहीं होगी। राहुल ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि सहयोगी पार्टियां कांग्रेस से दूर होती चली जा रही हैं। बिहार में लालू यादव के साथ गठबंधन से भी उन्होंने इंकार नहीं किया।
दिल्ली चुनाव में हार के बाद आम आदमी पार्टी से सबक लेने की बात कहने वाले राहुल ने इंटरव्यू में कहा कि दरअसल आम आदमी पार्टी कांग्रेस के उठाए मुद्दों पर ही अमल कर रही है, लेकिन वो आम आदमी पार्टी के तौर-तरीकों से सहमत नहीं हैं।
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे पर राहुल बोले कि कांग्रेस इस देश के डीएनए में है और सत्ता सिर्फ एक आदमी की सोच और उसके तरीके से नहीं चलनी चाहिए।
राहुल से किए गए सवाल-जवाब:-
सवाल 1- क्या प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी लेंगे?
जवाब- हम एक लोकतांत्रिक संगठन हैं। हमें लोकतंत्र में विश्वास है। भारत की जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के द्वारा ये तय करेगी कि इस देश का प्रधानमंत्री कौन होगा। देश के हित में कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी है और उसके लिए संगठन ने जो जिम्मेदारी दी है या जो भविष्य में देगी, उसे मैं पूरी निष्ठा के साथ निर्वाह करूंगा।
सवाल 2- कहा जा रहा है आप जिम्मेदारी लेने के लिए तत्पर नहीं रहते। रिलक्टेंट हैं?
जवाब- मैं कांग्रेस का सिपाही हूं। जो भी मुझे आदेश मिलेगा मैं उसका पालन करूंगा। कांग्रेस जो कहेगी मैं वही करूंगा। मेरा सवाल ये है कि हमारा सारा आर्ग्यूमेंट एक पोस्ट को लेकर क्यों रुक जाता है?
सवाल 3- प्रियंका की अगले चुनाव में क्या भूमिका होगी? क्या वे चुनाव लड़ेंगी?
जवाब- प्रियंका मेरी बहन और मेरी दोस्त है। साथ ही, कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। और इसके नाते वो मुझे और संगठन को मजबूत करने के लिए मदद कर रही हैं। मुझे नहीं लगता कि उनकी कोई चुनावी भूमिका होगी।
सवाल 4- आप आम जनता से कैसे पूछेंगे कि किसको उम्मीदवार बनाया जाए?
जवाब- कांग्रेस लोकतंत्र को गहराई से लागू करना चाहती है। हम आम जनता को पार्टी में, संगठन में शामिल कर रहे हैं। आज आपने देखा कि हमने पार्टी के घोषणा-पत्र को जनता के सामने खोल दिया है।
सवाल 5- क्या वजह है कि सहयोगी पार्टियां भी कांग्रेस से दूर होती जा रही हैं?
जवाब- सहयोगी हमसे दूर जा रहे हैं, ये सही नहीं है। हमारे डिस्कशन अभी चल रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में हमारे सहयोगी हैं, महाराष्ट्र में हमारे सहयोगी हैं। बिहार में हमारे सहयोगी नहीं थे, इस बार बात चल रही है।
सवाल 6- बिहार में लालू यादव से गठबंधन करते हैं तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध आपका मुद्दा तो पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा। क्या कांग्रेस ऐसा करेगी?
जवाब- अभी तो बातचीत चल रही है। पार्टी की अलायंस कमेटी ये फैसले लेती हैं और उनकी सिफारिशें मुझे मंजूर होंगी
सवाल 7- आप कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी से सीखेगी कांग्रेस?
जवाब- कांग्रेस पार्टी एक मजबूत और गतिशील संगठन है। कांग्रेस ने पहले भी देश की राजनीति के स्वरूप को बदला है और आगे भी बदलेगी। जबसे मैं राजनीति में आया हूं, तबसे हम ये सब बातें उठाते रहे हैं। इसमें से कुछ चीजें आम आदमी पार्टी ने अमल की हैं। पर हमारा और उनका रवैया अलग-अलग है। मैं उनके कई तरीकों से सहमत नहीं हूं। हमारे निर्णय लोगों के हित में शार्ट टर्म गेन के बजाए उनके सुरक्षित भविष्य को देखकर होने चाहिए। भारत में सम्राट अशोक हुए। अकबर हुए। औरंगजेब रहा। सम्राट अशोक जोडऩे के लिए प्रसिद्ध हुए। अकबर ने भी लोगों को जोड़ा। तो उनके नाम अलग ही सम्मान के साथ लिए जाते हैं। औरंगजेब का नाम अलग तरह से लिया जाता है। कांग्रेस सौ साल से जोडऩे का ही काम कर रही है।
सवाल 8- बीजेपी के कांग्रेसमुक्त भारत और नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर आप क्या कहेंगे?
जवाब- आज बीजेपी एक व्यक्ति आधारित सत्ता चाहती है, जो देशहित में नहीं है। सत्ता किसी एक व्यक्ति की सोच और उसके अपने तरीकों से नहीं चलनी चाहिए। सबको साथ लेकर चलने से ही 120 करोड़ लोगों के भविष्य को संवारा जा सकता है। कांग्रेस इस देश के डीएनए में है।
सवाल 9- क्या आपको सौ प्रतिशत भरोसा है कि कांग्रेस-यूपीए इस बार भी आम चुनाव में जीतेगी?
जवाब- मुझे लगता है कि पिछले दस साल में हमने काफी अच्छे काम किए है, जिसमें हमने विकास के ढांचे को बदला है। जिसमें मनरेगा और राइट टू एजुकेशन, भूमि अधिग्रहण जैसे लैंडमार्क निर्णय लिए गए हैं। कांग्रेस अधिकार देती जा रही है। अब होने वाले आम चुनाव बहुत एक्साइटिंग है और मुझे पूरा विश्वास है कि हम चुनाव में अच्छा करेंगे।
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