सिडनी।। आस्ट्रेलिया की सरकार ने अपने नौ सैनिकों के गलती से इंडोनेशियाई जल क्षेत्र में प्रवेश कर जाने को लेकर गुरुवार को जकार्ता से माफी मांगी। आस्ट्रेलिया सरकार ने अपने सैनिकों की इस हरकत पर गहरा दुख व्यकत किया है।
आव्रजन मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि हम इस घटना को लेकर गहरा खेद व्यक्त करते हैं। मॉरिसन ने कहा कि विदेश मंत्री जूलिया बिशॉप ने इंडोनेशिया के अपने समकक्ष मंत्री मार्टी नटालेगवा से कल रात इस विषय पर बात की और इंडोनेशियाई जल क्षेत्र में गलती से प्रवेश करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार की तरफ से माफी भी मांगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इंडोनेशियाई जल क्षेत्र में इस तरह के वाक्य को दुबारा नहीं किया जायेगा।
मॉरिसन ने कहा कि जकार्ता स्थित ऑस्ट्रेलियाई दूतावास आज इस संबंध में औपचारिक रूप से माफी मांगेगा।
वाशिंगटन।। भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के अनुरोध को अमेरिकी न्यायाधीश ने नामंजूर कर दिया है। अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने प्रारंभिक सुनवाई के लिए तय हुई तारिक 13 जनवरी की समयसीमा को बढ़ाए जाने के भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के अनुरोध को नामंजूर कर दिया है। इस तारीख तक उन पर अभियोग लगाया जाना है।
सदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क की मजिस्ट्रेट न्यायाधीश सारा नेटबर्न ने कहा कि तारीख आगे बढ़ाए जाने से उन्हें (खोबरागड़े) वीजा धोखाधड़ी मामले के हल के लिए अपने और सरकार के बीच वार्ता को लेकर ‘जो राहत चाहिए’ वह नहीं मिलेगी।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि प्रतिवादी की गिरफ्तारी या इस तरह के आरोपों के सिलसिले में समन मिलने की तारीख से 30 दिनों के भीतर प्रतिवादी के खिलाफ अपराध को अंजाम देने के लिए अभियोग या सूचना दायर हो जानी चाहिए। प्रारंभिक सुनवाई की तरीख स्थगित करने का अभियोग दायर करने पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
नेटबर्न ने कहा, प्रतिवादी ने सिर्फ यह आग्रह किया है कि किसी अच्छे कारण के लिए प्रारंभिक सुनवाई 30 दिनों के लिए स्थगित कर दी जाए। सुनवाई की तरीख बदलने से अभियोग या सूचना दायर करने का समय नहीं बदलेगा, प्रतिवादी की दलील वार्ता पर आसन्न अभियोग के दबावों को लेकर चिंताएं उन्हें वह राहत नहीं दिलाएंगी जो वह चाहती हैं।
उन्होंने बुधवार को ही अपने आदेश में कहा, उचित वजह नहीं दर्शाई गई और प्रतिवादी का अनुरोध नामंजूर किया जाता है। नेटबर्न ने कहा कि खोबरागड़े को 12 दिसंबर, 2013 को गिरफ्तार किया गया था, उन पर जनवरी 2014 तक अभियोग (या सरकार द्वारा उनके खिलाफ सूचना दायर करना) लगाया जाना चाहिए।
विदेश विभाग की उप-प्रवक्ता मेरी हर्फ ने सोमवार को अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में इस मुद्दे के समाधान की आशा जताई।
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका को मुद्दे के सुलझने की उम्मीद है, हर्फ ने कहा, निश्चित तौर पर। भारत की तरफ से और कड़ा रुख अपनाए जाने के बाद अमेरिका की यह प्रतिक्रिया सामने आई है।
संयुक्त सचिव (अमेरिका मामले) विक्रम दुरईस्वामी ने अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल को सोमवार को नई दिल्ली में भारत के कड़े रुख से अवगत कराया। पॉवेल ने साउथ ब्लॉक में दुरईस्वामी से मुलाकात की थी।
अमेरिकी अधिकारियों के यह कहने के साथ ही कि कानून अपना काम करेगा, अमेरिका और भारतीय अधिकारियों का मानना है कि इस मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए राजनयिक और न्यायिक दोनों स्तर पर काम करना है।
हर्फ ने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता है कि वीजा धोखाधड़ी के मामले में पिछले महीने न्यूयार्क में गिरफ्तार भारतीय राजनयिक के मुद्दे पर भारत-अमेरिका संबंध प्रभावित हों।
भारत ने अमेरिका से माफी मांगने और देवयानी पर लगाए गए आरोपों को वापस लेने की मांग की है। हालांकि, अमेरिका ने जोर देकर कहा है कि यह एक अलग मामला है।
हर्फ ने कहा, अगर आप पूरे क्षेत्र की ओर देखते हैं, अगर आप अफगानिस्तान को देखते हैं, अगर आप ऊर्जा, आर्थिक मुद्दों पर नजर डालते हैं, हम लोग एक साथ इस पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, और वे बहुत महत्वपूर्ण है तथा इस घटना से इन चीजों को पटरी से नहीं उतारा जा सकता। यही कारण है कि हम लोग एक बार फिर से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। हम लोग इस मामले को एक ओर रख कर आगे बढ़ रहे हैं।
रूस के उदमुर्त गणराज्य के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव विक्टर चुकोव ने बताया, आज हमें एक बुरी खबर मिली है...लंबी बीमारी के बाद कलाश्निकोव का 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
कलाश्निकोव को नवंबर के मध्य में गंभीर, लेकिन स्थिर अवस्था में उदमुर्त की राजधानी इजेवस्क में सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था।
जून में कथित तौर पर पेसमेकर प्रत्यारोपण के लिए मास्को में कलाश्निकोव की एक सर्जरी हुई थी। कलाश्निकोव द्वारा बनाई गई स्वचालित रायफल दुनिया का सबसे ज्यादा प्रचलित और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला हथियार है।
तुलनात्मक रूप से इसका निर्माण सस्ता है, इसके साथ ही यह विश्वस्नीय है और इसकी मरम्मत भी आसान है। बीबीसी के मुताबिक, कलश्निकोव को राज्य द्वारा सम्मानित किया गया था।
माना जाता है कि अब 100 से अधिक देशों में प्रयोग की जा रही एके-47, 20वीं शताब्दी के उत्कृष्ट अविष्कारों की सूची में शामिल है।
2002 में जर्मनी यात्रा के दौरान कलाश्निकोव ने कहा कि था कि उन्हें अपने अविष्कार पर गर्व था, लेकिन वह इस बात से दुखी भी थे कि एके-47 आतंकवादियों द्वारा व्यापक रूप से प्रयोग की जा रही है।
कलाश्निकोव के निधन के कुछ घंटों पहले ही उनके नाम के एक उद्यम 'कलाश्निकोव कन्सर्न' में घोषणा की गई थी कि कंपनी अपनी जानी-मानी एके राइफल का आधुनिकीकरण करेगी और इसका निर्यात बढ़ाएगी।
संस्था का कहना है कि हमले मे 56 लोग मारे गये। संस्था ने आरोप लगाया है कि इस हमले में सेना ने व्यापारिक और रिहायशी इलाकों समेत एलेप्पो के मारिया इलाके में एक स्कूल को भी निशाना बनाया।
संस्था के रामी अब्दुल रहमान ने कहा कि उन्होंने हनानो में सड़क पर कारों के एक काफिले पर हमला किया। कई कारें नष्ट हो गईं। उनमें आम नागरिक थे।
पिछले ढाई साल से सीरिया में जारी गृहयुद्ध में कई विदेशी आतंकवादी गुटों के लड़ाके भी सरकार की ओर से और सरकार के विरुद्ध लड़ रहे हैं। इस युद्ध में अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि अगर सेना को विद्रोहियों पर हमला करना होता तो वह रिहायशी इलाकों में बमबारी कर मासूम लोगों को मौत के घाट न उतारती।