Thursday, 18 September 2025
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भारतीय राजनयिक देवयानी भारत पहुंची!

न्यूयॉर्क।। भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े पर वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के मामले में ग्रैंड ज्यूरी ने अभियोग लगा दिया।

पूर्ण राजनयिक छूट मिलने के बाद देवयानी सुबह भारत के लिए रवाना हुईं और शाम को दिल्ली पहुंच गईं। वहीं, अमेरिकी ज्यूरी का कहना है कि उनके खिलाफ आरोप बने रहेंगे।

हालांकि, भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के मामले में भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कहा है कि भारत में अमेरिकी दूतावास से एक अमेरिकी अधिकारी को वापस जाने के लिए कहा है।

एक सूत्र ने कहा कि हमें इस पर भरोसा करने का कारण है कि वह अधिकारी खोबरागड़े से जुड़ी पूरी प्रक्रिया और उसके बाद अमेरिका की एकतरफा कार्रवाई में शामिल था।

अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने जिला न्यायाधीश शीरा शींडलिन को लिखे पत्र में कहा कि 39 वर्षीय खोबरागड़े के खिलाफ आरोप बने रहेंगे और यदि वह राजनयिक छूट के बिना अमेरिका आती हैं, तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

भरारा ने कहा कि ग्रैंड ज्यूरी ने राजनयिक पर उनकी नौकरानी संगीता रिचर्ड के वीजा आवेदन से जुड़ी वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के लिए दो मामलों में अभियोग लगाया है।

भारत वापसी के लिए विमान में सवार होते समय खोबरागड़े ने कहा, ‘मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन हैं। मैं इनके गलत साबित होने की उम्मीद करूंगी।’

देवयानी खोबरागड़े ने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि इस प्रकरण से उनके परिवार पर कोई स्थायी असर न पड़े। यहां खास तौर पर इशारा उनके बच्चों की ओर था, जो अभी भी अमेरिका में ही हैं।

इस बीज,  देवयानी के पिता उत्तम खोबरागड़े ने इस मामले में प्रति समर्थन के लिए देशवासियों को धन्यवाद दिया है।

देवयानी को ‘इंडिया-यूएस हैडक्वार्टर्स एग्रीमेंट’ के तहत 8 जनवरी को पूर्ण राजनयिक छूट प्रदान की गई थी।

नौ जनवरी को अमेरिका ने भारत से अनुरोध किया कि वह खोबरागड़े की राजनयिक छूट खत्म कर दे लेकिन भारत ने इस अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया।

वर्ष 1999 बैच की विदेश सेवा अधिकारी देवयानी को अपनी नौकरानी के वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2.5 लाख डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया था।

राजनयिक की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई थी और उन्हें अपराधियों के साथ बंद रखा गया था।

उनके साथ इस तरह के व्यवहार के चलते दोनों देशों के बीच तल्खी पैदा हो गई थी । इसके जवाब में भारत ने अमेरिकी राजनयिकों के विशेषाधिकारों में कटौती कर दी थी।

देवयानी भारत रवाना,मिली राजनियक छूट!

नई दिल्ली।। भारत की वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका ने जी 1 वन वीजा दे दिया है जिसके बाद देवयानी भारत के लिये रवाना हो गई हैं। वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के मामले में ग्रैंड ज्यूरी ने अभियोग लगाया था। देवयानी ने कहा है कि उन पर लगे आरोप झूठे हैं और वो पूरी तरह बेगुनहा हैं। पूर्ण राजनयिक छूट मिलने के बाद देवयानी भारत के लिए रवाना हो चुकी हैं, लेकिन ज्यूरी ने कहा है कि उनके खिलाफ आरोप बने रहेंगे।

अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने जिला न्यायाधीश शीरा शींडलिन को लिखे पत्र में कहा कि 39 वर्षीय खोबरागड़े के खिलाफ आरोप बने रहेंगे और यदि वह राजनयिक छूट के बिना अमेरिका आती हैं तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

भरारा ने कहा कि ग्रैंड ज्यूरी ने राजनयिक पर उनकी नौकरानी संगीता रिचर्ड के वीजा आवेदन से जुड़ी वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के लिए दो मामलों में अभियोग लगाया है।

भरारा ने अपने पत्र में कहा, ‘अभियोग के लिए अभी किसी अभियोग पत्र की जरूरत नहीं है। हम जानते हैं कि प्रतिवादी (देवयानी) को बिल्कुल हाल में राजनयिक छूट मिली है। उन्होंने कहा कि इसलिए ये आरोप तब तक बने रहेंगे, जब तक वह अदालत में आकर इन आरोपों का सामना नहीं करतीं। फिर चाहे वह ऐसा राजनयिक छूट हटने के बाद करें या बिना छूट के अमेरिका लौटकर।

इस समय और अदालत के समक्ष उनके पेश होने के समय के बीच जो अंतर होगा, उसे स्वत: ही छोड़कर चला जाएगा। ऐसा अमेरिका के तीव्र सुनवाई कानून के तहत होगा, जो प्रतिवादी के उपलब्ध होने में हो रही देरी की अवधि को छोड़ने की अनुमति देता है।

भारत वापसी के लिए विमान में सवार होते समय खोबरागड़े ने कहा, ‘मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन हैं। मैं इनके गलत साबित होने की उम्मीद करूंगी।’

देवयानी खोबरागड़े ने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि इस प्रकरण से उनके परिवार पर कोई स्थाई असर न पड़े। यहां खास तौर पर इशारा उनके बच्चों की ओर था, जो अभी भी अमेरिका में ही हैं। देवयानी को ‘इंडिया-यूएस हैडक्वार्टर्स एग्रीमेंट’ के तहत 8 जनवरी को पूर्ण राजनयिक छूट प्रदान की गई थी।

नौ जनवरी को अमेरिका ने भारत से अनुरोध किया कि वह खोबरागड़े की राजनयिक छूट खत्म कर दे लेकिन भारत ने इस अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया।

वर्ष 1999 बैच की विदेश सेवा अधिकारी देवयानी को अपनी नौकरानी के वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2.5 लाख डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया था।

राजनयिक की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई थी और उन्हें अपराधियों के साथ बंद रखा गया था। उनके साथ इस तरह के व्यवहार के चलते दोनों देशों के बीच तल्खी पैदा हो गई थी । इसके जवाब में भारत ने अमेरिकी राजनयिकों के विशेषाधिकारों में कटौती कर दी थी।

देवयानी के वकील डेनियल अर्शाक ने कहा कि चूंकि उन्हें राजनयिक छूट मिल चुकी है, इसलिए वह देश के बाहर यात्रा कर सकती हैं और वह भारत लौट रही हैं। अर्शाक ने बताया, ‘चूंकि उनके राजनयिक दर्जे को मान्यता दे दी गई है, इसलिए संघीय अदालत ने आज यह माना है कि खोबरागड़े को यात्रा करने का अधिकार है। वह अपने देश लौटने को लेकर खुश हैं। उनका सिर आज ऊंचा है। वह जानती हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और वह इस बात को सुनिश्चित करना चाहती हैं कि सच सामने आए।'

उन्होंने कहा कि खोबरागड़े संघीय वकील भरारा के कार्यालय द्वारा लाए गए ‘आधारहीन’ आरोपों को खारिज करती हैं और ‘ऐसे सबूत उपलब्ध कराना चाहती हैं, जो यह साबित करें कि इस मामले में जांचकर्ता और वकील बार-बार लापरवाह तथा गलत रहे हैं।’ अर्शाक ने कहा कि खोबरागड़े ने कोई झूठे बयान नहीं दिए और अपनी नौकरानी को उतना ही धन दिया, जितना उसे दिया जाना चाहिए था।

अर्शाक ने कहा, ‘हालांकि नौकरानी यहां अल्पावधि के अनुबंध के आधार पर आई थी, जिसके तहत उसे रोजगार खत्म होने पर भारत लौटना था। लेकिन झूठे दावों और लापरवाही पूर्ण जांच की वजह से उसे और उसके परिवार को अब अमेरिका में स्थायी आवास का सुख मिल रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘इस मामले के जांचकर्ताओं ने तथ्यों का पूर्ण अध्ययन न करने की वजह से गंभीर गलतियां की हैं। हम उनकी इन बड़ी गलतियों का सबूत उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं।’

इक्कीस पृष्ठों के अभियोग में कहा गया कि खोबरागड़े पीड़िता (नौकरानी रिचर्ड) को अमेरिकी कानून के तहत तय किया गया वेतन या शोषणात्मक कार्य स्थितियों से सुरक्षा नहीं देना चाहती थीं। अमेरिकी कानून के तहत आने वाले ये अनिवार्य नियम विदेशी राजनयिकों और सरकारी अधिकारियों के बीच अच्छी तरह प्रचारित हैं।

अभियोग में कहा गया कि खोबरागड़े ने रिचर्ड के वीजा आवेदन में मासिक आय के रूप में 4500 डॉलर की राशि भरी थी। इसमें कहा गया कि 4500 डॉलर की राशि ‘असल आय की राशि’ से मेल नहीं खाती।

अभियोग में कहा गया कि यह न तो वह मासिक आय थी, जो खोबरागड़े पीड़िता को देने (573 डॉलर प्रति माह) के लिए तैयार हुई थीं और न ही यह पीड़िता की वह मासिक आय थी, जो खोबरागड़े ने झूठे रोजगार अनुबंध के जरिए अमेरिकी दूतावास के सामने पेश की थी। 4500 डॉलर की यह राशि खोबरागड़े की मासिक आय से भी मेल नहीं खाती।

इसमें कहा गया कि खोबरागड़े ने रिचर्ड के साथ एक ‘झूठा रोजगार अनुबंध’ किया और उसे कहा कि यह वीजा हासिल करने के लिए एक ‘औपचारिकता मात्र’ है। खोबरागड़े ने रिचर्ड से कहा कि वह अमेरिकी अधिकारी द्वारा नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में लिए जाने वाले वीजा साक्षात्कार में झूठ बोले।

सरकार और पुलिस के विरोधाभासी रवैए से होटल व्यवसायी असमंजस में पथिक संवाददाता मुंबई, 31 दिसंबर : राज्य सरकार के आदेश और पुलिस के रवैए में विरोधाभासी रुख नजर आने से मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे सहित राज्य के हजारों होटल, रेस्टॉरेंट और बार मालिकों में समय अवधि को

 

पथिक संवाददाता

मुंबई, 31 दिसंबर : राज्य सरकार के आदेश और पुलिस के रवैए में विरोधाभासी रुख नजर आने से मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे सहित राज्य के हजारों होटल, रेस्टॉरेंट और बार मालिकों में समय अवधि को लेकर असमंजस पैदा हो गया है. राज्य सरकार ने नए वर्ष के अवसर पर होटलों और खानपान गृहों को सवेरे 5 बजे तक खुला रखने का निर्देश जारी किया है. इसमें यह भी कहा गया है कि होटल और रेस्टॉरेंट देर तक चलाने के लिए पुलिस से आवश्यक अनुमति लेनी पड़ेगी. वहीं दूसरी ओर मुंबई पुलिस ने फरमान जारी किया है कि नव वर्ष के अवसर पर कोई भी होटल, रेस्टारेंट 1.30 बजे रात के बाद बंद रहेंगे.  इस विरोधाभासी रवैए के कारण होटल मालिक दुविधा में हैं. जबकि उनके ग्राहकों की मांग को वे पूरा करना चाहते हैं. यही कारण है कि मुंबई के होटल मालिकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.

मुंबई पुलिस का कहना है कि नए वर्ष के अवसर पर कानून व्यवस्था और महिलाआें की सुरक्षा के लिए देर रात तक होटल या रेस्टॉरेंट चलाना उचित नहीं है. इसलिए 1.30 बजे तक होटल खुला रखने की अनुमति दी है. इसी तरह नवी मुंबई और ठाणे में मुंबई पुलिस की तरह का कोई फरमान नहीं है. इसलिए वहां के होटल मालिक समझ रहे हैं कि सरकारी निर्देश के अनुसार सवेरे 5 बजे तक वह अपनी दुकान चला सकते हैं. नवी मुंबई के जोन-1 के उपायुक्त पुरुषोत्तम कराड ने कहा है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में डेढ़ बजे वाली डेडलाइन का कोई नोटिस जारी नहीं किया है. उधर ठाणे के पुलिस आयुक्त के पी रघुवंशी का कहना है कि उन्होंने 5 बजे सवेरे तक होटल खुला रखने की कोई

 

अनुमति नहीं दी है. वे डेढ़ बजे रात वाला डेड लाइन पालन करने का निर्देश अपने विभाग को दे चुके हैं.

इस तरह से नववर्ष पर होटलों की डेड लाइन को लेकर असमंजस की स्थिति है. उधर होटल मालिकों का कहना है कि समय मर्यादा का पालन न करने पर बेमतलब कानूनी दावपेंचों में उलझना पड़ सकता है. इसलिए उन्होंने अदालत में गुहार लगाई है. फिर भी पुलिस ने नए वर्ष के अवसर पर शांति व्यावस्था बनाए रखने और महिलाआें की सुरक्षा के व्यापक व्यवस्था की है. मुंबई में कम से कम 25000 पुलिसवाले तैनात किए गए हैं. इसके साथ-साथ महिला गश्तीदल को भी होटलों व पार्टी स्थलों पर निगरानी के लिए लगाया गया है. यह व्यावस्था बुधवार देर तक जारी रहेगी. फिलहाल गेटवे ऑफ इंडिया चौपाटी सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर निगरानी तेज कर दी गई है.

होटल खोलने के समय को मर्यादित करने से होटल उद्योग को 500 करोड़ रु. का नुकसान होगा और सरकार को 150 करोड़ का राजस्व नुकसान होगा. यह जानकारी होटल रेस्टारेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कमलेश बारोट ने दी है. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कहती है और जब अवसर आता है तो दबाव तंत्र अपनाती है. उधर होटल मालिकों के संगठन आहार ने अपील की है कि वह डेढ़ बजे रात की डेड लाइन को शिथिल कर दें.

 

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