नाराज विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर हरीश रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध किया है। रावत विरोधी अभियान में उत्तराखंड के कई बड़े कांग्रेसी नेता शामिल नजर आ रहे हैं।
इन विधायकों का कहना है कि अगर नेतृत्व में परिवर्तन होना ही है तो अगला मुख्यमंत्री मौजूदा विधायकों से चुना जाना चाहिए।
इस लिस्ट में प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्या, मंत्री हरक सिंह रावत और अमृता रावत जैसे नाम शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इन विधायकों ने अपने पत्र में मीडिया में छपी खबरों का हवाला दिया है।
पत्र में लिखा है कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मीडिया में चर्चा हो रही है। इस तरह की अफवाहों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचता है।
मीडिया में हरीश रावत का नाम चल रहा है। रावत ने पहले भी अपने 7 समर्थक विधायकों के साथ पार्टी के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने पार्टी आलाकमान के फैसले का विरोध कर पार्टी की छवि धूमिल की थी इसलिए हम नहीं चाहते कि वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनें।
उधर, हरीश रावत खेमा इस चिट्ठी को झूठा करार दे रहा है। दरअसल पिछले दिनों कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने के बाद कयासों का दौर शुरू है।
बैठक में तय हुआ था कि उत्तराखंड के सीएम के बारे में फैसला विधानसभा के मौजूदा सत्र के बाद लिया जाएगा। माना जा रहा है कि उत्तराखंड कांग्रेस में विजय बहुगुणा को लेकर नाराजगी चल रही है।
उधर, हरीश रावत खुलकर तो कुछ नहीं कहते, लेकिन हालात पर उनकी पैनी नजर है। रावत विरोधी खेमा भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
इस बीच उत्तराखंड में विधायकों और मंत्रियों का मुख्यमंत्री से मुलाकात का दौर भी जारी रहा। विधानसभा में कांग्रेस के 32 विधायक हैं और 7 पीडीएफ के सहयोगी हैं।