-सुखविंद्र सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
79वें स्वतंत्रता दिवस की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। भारत की आजादी, एकता और अखंडता वर्षों के संघर्ष और वीर सपूतों के असंख्य बलिदानों का प्रतिफल है। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि देश की आन-बान और शान बनाए रखने के लिए हमारे प्रदेश के वीर जवानों ने हमेशा प्रमुख भूमिका निभाई है तथा अपने कर्त्तव्य को निभाते हुए बलिदान और शौर्य की अमर गाथाएं लिखी हैं।
यह गर्व की बात है कि हिमाचल के वीर सपूतों ने 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र और 23 र्कीति चक्र जीते हैं। देश का पहला परमवीर चक्र, प्रदेश के वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को प्राप्त हुआ था। इसके बाद, कर्नल डी.एस. थापा, कैप्टन विक्रम बतरा, तथा सूबेदार मेजर संजय कुमार को भी परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
वर्ष 2023 में गंभीर प्राकृतिक आपदा का सामना हमने अपने संसाधनों से सफलतापूर्वक किया। इस साल भी मूसलाधार बारिश और बादल फटने के कारण आई विनाशकारी बाढ़ से हमें जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस आपदा से मंडी ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। हमने 200 से अधिक बहुमूल्य जीवन खोए हैं और अधोसंरचना को लगभग दो हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान पहंुचा है। यह आपदा बहुत बड़ी है और प्रदेश सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हमने आपदा के फौरन बाद युद्धस्तर पर राहत और पुनर्वास के कार्य शुरू किए तथा वर्ष 2023 की तरह इस बार भी आपदा प्रभावितों को राहत पहंुचाने के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसे 25 गुना तक बढ़ाया गया है।
इस पैकेज के अंतर्गत पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए दी जाने वाली 1 लाख 30 हज़ार रुपये की सहायता राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपये और आंशिक क्षति पर 12 हज़ार 500 रुपये की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा क्षतिग्रस्त दुकान अथवा ढाबे, गौशाला, पशुओं की हानि, क्षतिग्रस्त पॉलीहाउस, कृषि व बागवानी भूमि के नुकसान आदि के लिए भी राहत एवं मुआवज़ा राशि में कई गुणा वृद्धि की गई है।
हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल में राजनीतिक, आर्थिक और प्राकृतिक आपदा जैसी गम्भीर चुनौतियों का मजबूती से सामना किया है। प्रदेश को समृद्धि और आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे ले जाने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। मैं, प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि आपने हमारी सरकार पर भरपूर भरोसा किया। प्रदेशवासियों के समर्थन से हमने धनबल पर जनबल की जीत सुनिश्चित हुई है, जिससे लोकतंत्र सश्क्त हुआ हैं।
हिमाचल केे विकास और खुशहाली के लिए हमारी सरकार ने ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है जिसने प्राकृतिक रूप से उगाई गई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है। मक्की पर 40 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। अब तक 1,509 किसानों से लगभग 399 मीट्रिक टन मक्की समर्थन मूल्य पर खरीदी जा चुकी है और उनके बैंक खातों में 1.40 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। इसी प्रकार, गेहूं की खरीद भी 60 रुपये प्रति किलो की दर से की जा रही है और अब तक 838 किसानों से 2,123 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। उनके खातों में 1.27 करोड़ रुपये जमा करवाए गए हैं। गेहूं के लिए परिवहन भाड़े पर सरकार ने 4.15 लाख रुपये की सब्सिडी दी है।
हमने प्राकृतिक विधि से उगाई गई कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य घोषित किया है। किसानों से 127 मीट्रिक टन कच्ची हल्दी खरीदी गई है और उनके खातों में 1.14 करोड़ रुपये जमा कर दिए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने चम्बा ज़िले के पांगी उप-मंडल को प्रदेश का प्राकृतिक कृषि डिविजन घोषित किया है और घाटी के किसानों से अगले महीने से 60 रुपये प्रति किलो की दर से जौ की खरीद शुरू की जाएगी।
हमारी सरकार ने हमीरपुर ज़िले मंे स्पाइस पार्क और ऊना ज़िले में आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार किसानों के हित में कृषि ऋण ब्याज योजना भी लेकर आई है।
हमने दूध उत्पादन के क्षेत्र में भी बहुमूल्य सुधार किए हैं। हिमाचल देश का पहला राज्य है जो दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रहा है। वर्तमान में लगभग 38,400 किसानों से प्रतिदिन औसतन 2.25 लाख लीटर गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। इसी प्रकार, 1,482 भैंस पालकों से प्रतिदिन 7,800 लीटर दूध 61 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। दुग्ध सहकारी समितियों को प्रोत्साहन देने के लिए दूध पर परिवहन सब्सिडी डेढ़ रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति लीटर की गई है।
कांगड़ा जिले के ढगवार में 201 करोड़ रुपये की लागत से डेढ़ से तीन लाख लीटर प्रतिदिन तक की क्षमता वाला अत्याधुनिक दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जिससे चार ज़िलों के 35 हजार से अधिक दूध उत्पादकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी दूध प्रसंस्करण संयंत्र का विस्तार और निर्माण कार्य जारी है। पशुपालकों से 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट खरीदने का कार्य शुरू कर हमने एक और चुनावी वादा पूरा किया है।
बागवानों के हित में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। यूनिवर्सल कार्टन का उपयोग अनिवार्य बनाने की ऐतिहासिक पहल से राज्य के बागवानों को अपनी फसल के बेहतर दाम मिल रहे हैं। वर्ष 2025 के लिए सेब, बी और सी ग्रेड के किन्नू, माल्टा और संतरे और सीडलिंग, कलमी व कच्चे अचारी आम पर 12 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, गलगल को 10 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा।
वन प्रबंधन और वन क्षेत्र विस्तार में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये लागत की राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना लागू की जा रही है।
पिछले अढाई वर्षों में हमने शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण-2025 में प्रदेश 5वें स्थान पर पहंुचा है जबकि 2021 में हमारी रैंकिंग 21वें पायदान पर फिसल गई थी। वार्षिक शिक्षा स्थिति-2025 रिपोर्ट में विद्यार्थियों के पढ़ने और सीखने के स्तर में हिमाचल ने 21वें स्थान से पहले स्थान पर छलांग लगाई है।
पूर्व सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए चुनावी वर्ष के आखिरी नौ महीनों में बिना बजट और बुनियादी अधोसंरचना के 900 से ज्यादा शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थान खोले। वर्तमान सरकार ने एक हजार से अधिक स्कूलों का युक्तिकरण कर स्कूलों के क्लस्टर बनाए हैं। इससे जहां गैर-जरूरी खर्चों में कटौती हुई है, वहीं पर्याप्त अध्यापकों की उपलब्धता सुनिश्चित होने से छात्रों को बेहतर शिक्षा भी मिल रही है।
विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर में सुधार के लिए सभी सरकर स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेज़ी माध्यम शुरू कर दिया गया है। प्रदेश के 6,297 प्राइमरी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं आरम्भ की जा चुकीं हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाओं वाला राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल चरणबद्ध तरीके से खोलने का कार्य प्रगति पर है।
हमने डॉ. वाई.एस परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू कर पात्र विद्यार्थियों को देश-विदेश में शिक्षा के लिए 1 प्रतिशत ब्याज़ पर 20 लाख रुपये तक के ऋण का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत 32,000 बच्चों को मुफ़्त शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है।
पहली से आठवीं कक्षा के 5.35 लाख बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना की पहल की गई है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार अध्यापकों को विदेश में एक्सपोजर विजिट और विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा गया है। छात्रवृत्ति योजनाओं का विस्तार कर दो वर्षों में 87,000 से अधिक विद्यार्थियों को 92 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
हमारी सरकार ने वर्ष 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। ई-वाहनों को व्यापक प्रोत्साहन दिया जा रहा है। वाहन चालकों की सुविधा के लिए प्रदेश में छः ग्रीन कॉरीडोर स्थापित किए गए हैं। 124 करोड़ रुपये से बस अड्डों पर ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का कार्य जारी है। 327 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।
हमारी सरकार ने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना शुरू की है जिसके पहले चरण में ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है। दूसरे चरण में निजी भूमि पर 100 से 500 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। तीसरे चरण में किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जा रहा है।
ऊना ज़िला के पेखूबेला में 32 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना मात्र चार महीनों में जनता को समर्पित की गई है। इस परियोजना से सालाना 19 करोड़ 17 लाख रुपये के राजस्व लाभ का अनुमान है। प्रदेश सरकार ने ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिलों में 501 मेगावाट की क्षमता वाले 5 सौर पार्क और 212 मेगावाट की क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।
महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा और सम्मान देने के लिए हमने 18 से 59 वर्ष की पात्र महिलाओं के लिए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना शुरू कर 1500 रुपये मासिक सम्मान राशि देना आरंभ किया है। महिला कल्याण के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाली आर्थिक सहायता कई गुण बढ़ाई गई है।
प्रदेशवासियों को विश्व स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसी को भी इलाज के लिए हिमाचल से बाहर जाने की ज़रूरत पड़े। एक ऐतिहासिक पहल के तहत रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत शिमला स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ सूपर स्पैशिलिटीज़ से से की गई है।
कैंसर मरीज़ों के लिए मुफ़्त इलाज और दवाइयों का प्रावधान किया गया है। हमीरपुर में उत्कृष्ट कैंसर अस्पताल स्थापित किया जा रहा है। आईजीएमसी शिमला में नए कैंसर अस्पताल भवन और ट्रॉमा सेंटर की सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है। आईजीएमसी शिमला और टांडा मेकिल कॉलेजों में पैट स्कैन मशीन की सुविधा भी शुरू की गई है।
हिमकेयर योजना के लाभार्थियों को बेहतर ईलाज देने की सुविधा के लिए इसका विस्तार किया गया है। अब आपात स्थिति में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और अधीक्षक भी हिमकेयर कार्ड बना सकेंगे। बी.पीए.ल, मनरेगा, फेरीवालों, अनाथ और जेल बंदियों के निःशुल्क हिमकेयर कार्ड बनाने का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रह है और प्रदेश के 16 स्थानों पर हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। प्रमुख धार्मिक स्थलों को रोप-वे से जोड़ा जा रहा है। कांगड़ा जिला को प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनाया जा रहा है। देहरा उप-मण्डल के बनखंडी में 619 करोड़ रुपये से वन्य प्राणी उद्यान स्थापित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार दूरस्थ क्षेत्रों तक सड़क सुविधा पहुंचाने को प्राथमिकता दे रही है। दो वर्षों की अवधि में 1,584 किलोमीटर लम्बी सड़कों और 143 पुलों का निर्माण किया गया है। आज़ादी के बाद पहली बार शिमला ज़िले के दूर-दराज़ क्षेत्र डोडरा-क्वार की सड़क को पक्का किया जा रहा है। इसी तरह, बड़ा भंगाल को भी सड़क सुविधा से जोड़ा जा रहा है।
प्रदेशवासियों को 24 घंटे पेयजल सुविधा सुनिश्चित करने तथा पानी की गुणवत्ता सुधारने के दृष्टिगत ठोस कदम उठाए गए हैं। साफ और कीटाणु रहित पेयजल प्रदान करने के लिए 69 टेस्टिंग लैब स्थापित की गई हैं।
हमने करूणामूलक रोजगार नीति में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान की है। अब प्रति परिवार वार्षिक आय पात्रता मापदंड को 2 लाख 50 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया गया है।
हमारी सरकार ने सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की अनूठी पहल की है जिसके तहत मैं खुद और मेरे मंत्रीमण्डल के सहयोगी दूर-दराज क्षेत्रों में लोगों से मिलते हैं व उनकी समस्याओं का मौके पर ही समाधान सुनिश्चित करते हैं।
वित्तीय संसाधन जुटाने और फिजूलखर्ची रोकने के प्रयासों के तहत हमने आबकारी नीति में बदलाव, शराब के ठेकों की नीलामी व निविदाओं, दूध उपकर, विभिन्न विभागों में भी स्टाफ के युक्तिकरण, लोक निर्माण विभाग की परियोजनाओं की टेंडर प्रक्रिया में बदलाव जैसे ठोस कदमों के माध्यम से अढाई वर्षों में हज़ारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। वित्तीय प्रबंधन की दिशा में प्रदेश सरकार ने ग्रीन बजट की शुरूआत कर एक नई पहल की है।
इतना ही नहीं, हमने केंद्र सरकार के समक्ष भी हिमाचल के हितों की मज़बूती से पैरवी की है। नीति आयोग से ग्रीन बोनस की मांग, राजस्व घाटा अनुदान में वृद्धि, हिमाचल की ऋण सीमा को दो प्रतिशत बढ़ाने, 110 मेगावॉट शानन विद्युत परियोजना का अधिग्रहण पंजाब से वापिस लेने, भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड से बिजली एरियर जारी करने और फोर-लेन सड़क परियोजनाओं के कार्यों में तेज़ी लाने के लिए हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
हमारी सरकार संवेदनशील वर्गांे का संरक्षण और कल्याण सुनिश्चित कर रही है। हिमाचल अनाथ व बेसहारा बच्चों और महिलाओं के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना में 6,000 बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। इन बच्चों की पढ़ाई, जेब खर्च का जिम्मा प्रदेश सरकार उठा रही है।
कांग्रेस के चुनावी घोषणा-पत्र की 6 गारंटियां पूरी की गई हैं। कांग्रेस सरकार ने अपना वादा पूरा करते हुए 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की है।
आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल में 74,600 से अधिक युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान किए हैं। इसमें सरकारी क्षेत्र में लगभग 23,200 और निजी क्षेत्र में 51,400 से अधिक रोज़गार के अवसर शामिल हैं।
प्रदेशभर में, विशेषकर युवाओं में, नशे की बढ़ती लत चिन्ता का विषय है। इस सामाजिक बुराई के कारण हमने कई बहुमूल्य जीवन खोए हैं। हमारी सरकार ने नशे के आदि व्यक्तियों के उपचार, पुनर्वास और नशे सहित संगठित अपराध को रोकने के लिए विधेयक पारित किए हैं, जिनमें नशा तस्करों को मृत्युदंड, आजीवन कारावास, 10 लाख तक जुर्माना, संपत्ति जब्त करने का प्रावधान, उनके पुनर्वास एवं आजीविका सहायता सहित विभिन्न प्रावधान शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पीआईटी एनडीपीएस एक्ट को कड़ाई से लागू किया गया है। इसके तहत 42 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है और 70 तस्करों की संपत्ति चिन्हित कर अब तक 44 तस्करों को हिरासत में लिया गया है। जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में 100 बिस्तर क्षमता का उत्कृष्ट नशा-मुक्ति केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें मिलने वाली अनुग्रह राशि को बढ़ाया गया है। हमने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि में भी वृद्धि की है।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध तथा आत्मनिर्भर राज्य बनाने के हमारे संकल्प में वित्तीय संकट कोई बाधा नहीं बनेगा। हम आपकी उम्मीदों के अनुसार और आपके सहयोग से अपने इस सुंदर पहाड़ी राज्य को विकास के नए आयाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अंत में, मैं एक बार पूनः आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूं तथा समस्त प्रदेशवासियों के सुखमय और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।
जय हिन्द, जय हिमाचल...।
शिमला/शैल। भारत के सार्वजनिक सेवा प्रसारण प्रसार भारती ने डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं की दुनिया में ओ टी टी (ओवर-द -टॉप) प्लेटफार्म के क्षेत्र में कदम रखा है। प्रसार भारती द्वारा हाल ही में लॉन्च किये गये ओ टी टी प्लेटफॉर्म वेव्स पर उपभोक्ता लाइव टीवी से लेकर ऑन डिमांड वीडियो तक कुछ भी देख सकते हैं। यह ओ टी टी एंड्रॉयड और आईओएस दोनों ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। प्रसार भारती का ओ टी टी प्लेटफॉर्म ऐसा इकलौता प्लेटफार्म है जहां लोगों का रेट्रो और मॉडर्न डिजिटल ट्रेंड दोनों ही एक साथ देखने को मिलेंगे। इस ओ टी टी प्लेटफॉर्म पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा बंगाली, मराठी, कन्नड़, मल्यालम, तेलुगू, तमिल, गुजराती, पंजाबी और असमिया सहित 12 से अधिक भाषाओं में कंटैंट मिलेगा। आकाशवाणी व दूरदर्शन द्वारा शिमला में आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में हिमाचल प्रदेश आकाशवाणी और दूरदर्शन के कलेक्टर हेड व उप महानिदेशक कश्मीर सिंह ने यह जानकारी दी।
इस दौरान उन्होंने बताया है कि ओ टी टी प्लेटफॉर्म वेव्स (waves) पर ऑन डिमांड वीडियो के अलावा फ्री-टू-प्ले गेमिंग, 65 लाइव चैनल, लाइव टीवी स्ट्रीमिंग, रेडिया स्ट्रीमिंग, एप इंटीग्रेशन और ओ.एन.डी.सी. के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग सुविधा भी मिलेगी। कश्मीर सिंह ने बताया है कि यह प्लेटफॉर्म युवा कंटेंट क्रिएटर को भी आगे बढ़ने का मौका देगा। यह वेव्स (waves) एप एप्पल एप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। कश्मीर सिंह ने बताया है कि वेव्स (waves) को परिवार के अनुकूल मनोरंजन शिक्षा और खरीदारी के लिये वन स्पॉट हब के रूप में डिजाइन किया गया है। उन्होंने बताया है कि यह प्लेटफॉर्म भारत की समृद्ध संस्कृतिक धरोहर के प्रदर्शित करते हुए परिवारों, बच्चों और युवाओं के लिए स्वच्छ कंटेंट प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया है कि इस प्लेटफार्म पर बी फॉर यू, एस ए बी ग्रुप और 9 एक्स मीडिया जैसे मनोरंजक नेटवर्क सहित 38 लाइव चैनल उपलब्ध है इनमें न्यू चैनल भी शामिल है। उपमहानिदेशक ने बताया ओ टी टी प्लेटफॉर्म वेव्स पर दूरदर्शन और आकाशवाणी के सभी चैनल भी उपलब्ध है। लाइव चैनलों के अलावा वेव्स में फिल्म, गेम्स और लाइव इवेंट सहित कई तरह की ऑन डिमांड सामग्री भी उपलब्ध है।
इस मौके पर आकाशवाणी शिमला के कार्यक्रम प्रमुख अनिल वर्मा ने पावर पाॉइंट प्रेजेंटेशंस के माध्यम से वेव्स ओ टी टी प्लेटफॉर्म को विभिन्न प्लेटफार्म पर डाउनलोड करने और इसके पहलुओं पर जानकारी दी।
इस अवसर पर पी.आई.बी. शिमला के निदेशक प्रीतम सिंह दूरदर्शन शिमला के अभियांत्रिक प्रमुख अनिल कुमार, दूरदर्शन शिमला की क्षेत्रीय समाचार प्रमुख व उपनिदेशक नंदिनी मित्तल, आकाशवाणी शिमला के क्षेत्रीय समाचार प्रमुख और सहायक निर्देशक समाचार रितेश कपूर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
संसाधन सृजन व ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण से
आत्मनिर्भर बन रहा हिमाचल प्रदेश
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश
78वें हिमाचल दिवस की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। देश की आज़ादी के 8 महीनों के बाद सन् 1948 को इस ऐतिहासिक दिवस पर हमारा खूबसूरत प्रदेश 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय से केन्द्र शासित चीफ कमीशनर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया। इसमें उस समय के नेतृत्व के साथ-साथ प्रजामंडल आंदोलन के नायकों, आंदोलनकारियों और प्रदेश की जनता ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आज इस पावन अवसर पर मैं हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवन्त सिंह परमार सहित उन महान विभूतियों के प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं जिन्होंने हिमाचल प्रदेश को अलग पहचान देने में बहुमूल्य योगदान दिया। मैं इस वीर भूमि के उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों एवं सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। प्रदेश के मेहनती, ईमानदार व शान्तिप्रिय लोगों का विशेष रूप से आभार जिनके निरन्तर प्रयासों से हिमाचल ने देश-विदेश में अपनी खास पहचान बनाई है।
हमारी सरकार ने वर्ष, 2027 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने का संकल्प लिया है। सीमित संसाधनों के बावजूद हम अपने संकल्प की पूर्ति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
राज्य सरकार के हर 100 रुपये में से 42 रुपये कर्मचारियों के वेतन और पेंशन, 11 रुपये कर्ज की अदायगी पर और 10 रुपये कर्ज का मूलधन चुकाने पर खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद, हमने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई महत्त्वपूर्ण बदलाव किए हैं तथा वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए कड़े फैसले लेने में भी संकोच नहीं किया, जिस कारण आर्थिक स्थिति फिर पटरी पर आने लगी है।
विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए 10 वायदों में से 6 वायदों को पूरा कर हम जनता की कसौटी पर खरा उतरने में सफल रहे हैं। शेष चार गारंटियों को भी हम पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हिमाचल प्रदेश को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान कर रही है। पहली बार दूध और प्राकृतिक खेती से उगाए गेहंू, मक्की व हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया है।
प्राकृतिक खेती कर रहे प्रदेश के 1,58,785 किसानों को प्रमाणित किया गया है। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को हिम परिवार रजिस्टर से जोड़ा जाएगा। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स वैबसाइट शुरू की गई है।
हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि किसानों के हित में कृषि ऋण ब्याज अनुदान योजना शुरू की जाएगी, जिसके माध्यम से एकमुश्त सेटलमेंट नीति लाकर किसानों के मूलधन पर लगने वाले ब्याज का 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार वहन करेगी।
हमारी सरकार ने प्राकृतिक पद्धति से उगाई मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये और गेहूं का 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये प्रति किलो किया हैै। पहली बार प्राकृतिक हल्दी का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार कच्ची हल्दी 90 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदने जा रही है। हमीरपुर ज़िले में स्पाइस पार्क का निर्माण भी किया जाएगा। आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए ऊना ज़िले में लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
इस वर्ष गाय और भैंस के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में फिर से वृद्धि की गई है। हमने गाय के दूध पर समर्थन मूल्य 32 से बढ़ाकर 45 रुपये किया था जिसे अब 51 रुपये प्रति लीटर किया गया है। इसी तरह, भैंस के दूध पर समर्थन मूल्य 47 से बढ़ाकर 55 रुपये किया गया था, जिसे अब 61 रुपये प्रति लीटर किया गया है। हमने पंजीकृत दूध समितियों को सुदृढ़ करने के लिए परिवहन अनुदान को 1.5 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति लीटर करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के सेब बागवानों को लाभान्वित करने के लिए हमारी सरकार ने पिछले वर्ष से यूनिवर्सल कॉर्टन का इस्तेमाल अनिवर्य किया। मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत 153 करोड़ रुपये की देनदारियां भी चुकाई हैं।
हमने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए सौर परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। हम परिवहन क्षेत्र में ई-वाहन और अधोसंरचना विकास को बड़े स्तर पर प्रोत्साहन दे रहे हैं। चम्बा में प्रदेश के पहले ग्रीन हाईड्रोजन मोबिलिटी स्टेशन का निर्माण कार्य जारी है। सोलन ज़िले के नालागढ़ में एक मेगावाट की ग्रीन हाईड्रोजन परियोजना स्थापित की जा रही है। ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 6 ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए जा चुके हैं। 3000 डीजल और पैट्रोल टैक्सी वाहनों को ई-वाहनों से बदलने के लिए 40 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जाएगा।
वन प्रबंधन तथा वन विस्तार में महिला एवं युवक मंडलों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये की ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ लागू की जाएगी। प्रत्येक समूह को पांच वर्षों में 6 लाख 40 हजार रुपये दिए जाएंगे।
हमारी सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए दृढ़संकल्प हैै। सभी पात्र महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से प्रतिमाह 1500 रुपये प्रदान करने के लिए ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि’ योजना आरंभ की गई है ताकि अपनी दैनिक ज़रूरतों के लिए उन्हें किसी पर निर्भर ना रहना पड़े। एक जनवरी, 2025 से 31 मार्च, 2026 के बीच 21 वर्ष की आयु पूरा करने वाली बेटियों तथा दूसरों के घरों में काम कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाली महिलाओं को भी इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
‘महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना’ के अंतर्गत 2 लाख 50 हजार रुपये से कम सालाना आय वाले वाल्मीकि समुदाय के सफाई कर्मचारियों को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपये देने का प्रावधान है।
समाज के संवेदनशील वर्गों के अधिक से अधिक लोगांे को लाभान्वित करने के लिए बीपीएल परिवारों की सूची में संशोधन किया जा रहा है। हमारी सरकार ने मनरेगा दिहाड़ी में 80 रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि कर इसे 240 से बढ़ाकर 320 रुपये किया है। दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 425 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी देने का निर्णय लिया गया है।
अनाथ बच्चों, बेसहारा महिलाओं और वृद्धजनों को सहारा देने के लिए हमने ‘मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना’ शुरू की है। इसके तहत 6000 बच्चों को ‘चिल्ड्रन आफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है। अनाथ बच्चों को सहारा देने के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। हाल ही में कई जिलों से ‘चिल्ड्रन आफ द स्टेट’ को दिल्ली, चंडीगढ़, गोवा और अटारी-बाघा बॉर्डर आदि स्थानों के भ्रमण पर भेजा गया।
हिमाचल में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही धार्मिक और साहसिक पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। हमारी सरकार इन सम्भावनाओं का पर्याप्त दोहन करते हुए हिमाचल को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर एक चमकते सितारे के रूप में स्थापित करने को पूर्णतः समर्पित है। कांगड़ा ज़िले को प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। गगल हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश भर में लगभग 2400 करोड़ रुपये से नए पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे।
‘मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्ट-अप योजना’ के तहत जनजातीय क्षेत्रों मंे हिमाचली युवाआंे को होम-स्टे और होटल बनाने के लिए ऋण पर 5 प्रतिशत और गैर-जनजातीय क्षेत्रों में 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
औद्योगिक विकास को बढ़ाने के लिए हमारी सरकार ने पिछले साल 149 औद्योगिक प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की जिनमें 3084 करोड़ रुपये का निवेश होगा और लगभग 15 हज़ार लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। हमने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की ‘राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना’ शुरू कर अपनी चुनावी गारंटी को पूरा किया है। प्रदेश के शहरी क्षेत्र के फल-सब्जी विक्रेताओं, चाय विक्रेताओं और अन्य के लिए मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना शुरू की जाएगी।
हमारी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में गुणवत्ता लाते हुए यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश के किसी भी व्यक्ति को बेहतरीन उपचार के लिए बाहरी राज्यों का रुख न करना पड़े। इस वर्ष 1730 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों, 69 सिविल अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में अत्याधुनिक स्वास्थ्य उपकरण लगाए जाएंगे। हमीरपुर में 300 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर का उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया जा रहा है। इस वर्ष 69 संस्थानों में डायलिसिस सेवाओं की सुविधा और 11 स्वास्थ्य संस्थानों में ब्लड स्टोरेज यूनिट्स की स्थापना की जाएगी।
एआईएमएसएस चमियाणा, शिमला, और टांडा चिकित्सा महाविद्यालय में रोबोटिक सर्जरी की स्थापना भी की जाएगी। आईजीएमसी शिमला, एआईएमएसएस चमियाणा तथा हमीरपुर व नेरचौक चिकित्सा महाविद्यालयों में अत्याधुनिक एमआरआई मशीनें और आईजीएमसी शिमला में पैट-स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। आईजीएमसी शिमला में नए कैंसर अस्पताल भवन और ट्रामा सेंटर की सुविधा प्रदान की गई है।
‘रोगी मित्र योजना’ के अन्तर्गत विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में करीब 1000 रोगी मित्रांे की नियुक्ति की जाएगी। 70 वर्ष या इससे अधिक आयु के मेरे बड़े भाइयों व बहनों को ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन देखभाल योजना’ के अन्तर्गत मोबाइल स्वास्थ्य वैन के माध्यम से घर-घर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
‘आचार्य चरक योजना’ से सभी सरकारी आयुष अस्पतालों और औषधालयों में निःशुल्क जांच और आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएंगी। सभी विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोले जा रहे हैं और प्रत्येक मे छह-छह विशेषज्ञ चिकित्सक होंगे। कैंसर मरीजों को इलाज सहित 42 प्रकार की दवाइयां मुफ्त प्रदान की जा रही है।
पिछली भाजपा सरकार का कार्यकाल जब पूरा हुआ, उस समय शिक्षा क्षेत्र में हमारी रैंकिंग 21वें स्थान पर पहंुच गई थी। हमारे लिए यह बहुत बड़ी चुनौती थी। इस क्षेत्र में सुधार के लिए हमने प्रभावशाली कदम उठाए जिसके कारण प्रदेश की रैंकिंग में जबरदस्त उछाल आया है।
एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन की 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में विद्यार्थियों के सीखने के स्तर और स्कूलों में पेयजल उपलब्धता के मामले में हिमाचल को अव्वल आंका गया है। हमने विद्यार्थियों में आत्मविश्वास पैदा करने और उन्हें शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने के लिए सभी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेज़ी मीडियम में पढ़ाई आरम्भ की है।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक से लैस राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे। इस वर्ष 31 डे-बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। हमने पहली से बारहवीं तक एक ही शिक्षा निदेशालय का गठन किया है। निदेशालय उच्च शिक्षा, महाविद्यालयों सहित उच्च शिक्षा के सभी पहलुओं की देखरेख करेगा।
‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ के तहत विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता के बच्चों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों के लिए 1000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। स्नातक, स्नातकोत्तर डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने वालों की ट्यूशन फीस और हॉस्टल का खर्च वहन करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
नई पहल के तहत शैक्षणिक गतिविधियों का ज्ञान अर्जित करने के लिए पहले चरण में 270 शिक्षक सिंगापुर भ्रमण पर भेजे गए हैं। इसके अलावा, 200 शिक्षक प्रदेश के अन्य राज्यों में शैक्षणिक अनुभव हासिल कर लौटे हैं। 50 मेधावी विद्यार्थियों को 11 दिनों के शैक्षणिक अध्ययन के लिए कम्बोडिया और सिंगापुर भेजा गया, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई।
हिमाचल प्रदेश में नशीले पदार्थों के सेवन और तस्करी को रोकने के लिए हमने कड़े कदम उठाए हैं। सत्ता में आते ही हमने पीआइटी-एनडीपीएस अधिनियम को लागू किया जो पिछली भाजपा सरकार पांच साल तक नहीं कर पाई। इसके लागू होने के बाद ऐसे लोगों की गिरफ्तारी हुई जो बार-बार नशे के कारोबार में शामिल थे। उनकी संपत्ति की जांच कर उसे अटैच किया जा रहा है।
पंचायत स्तर पर नशीले पदार्थों को बेचने वालों और नशे के आदी लोगों की मैपिंग की जा रही है। नशे के चुंगल में फंसे लोगों और इसमें संलिप्त अपराधियों में अंतर करने के लिए नशा निवारण अधिनियम पारित किया गया है।
सिरमौर के कोटला बड़ोग में एक अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र बनाया जा रहा है। अन्य जिलों में भी इस प्रकार के सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि नशे के दलदल में फंसे व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जा रही है। हमने संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम भी पारित किया है।
जल आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार के लिए 200 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री स्वच्छ जल शोधन योजना लाई जा रही है। ग्रामीण पेयजल उन्नयन परियोजना के तहत 745 करोड़ रुपये से 8 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में 20,663 घरों तक बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को बेहतर परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इस वर्ष परिवहन निगम में 500 ई-बसों की खरीद की जाएगी। शिमला शहर में 1734.40 करोड़ रुपये की लागत से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रोपवे का निर्माण किया जाएगा। देश की आजादी के बाद पहली बार बड़ा भंगाल जैसे अति दुर्गम क्षेत्र को सड़क सुविधा से जोड़ने और शिमला जिले के दुर्गम डोडरा-क्वार तक पक्की सड़क पहुंचाने की पहल की है।
हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राज्य चयन आयोग की स्थापना की है।
इतिहास में पहली बार तहसील और उप-तहसील स्तर पर विशेष राजस्व अदालत का आयोजन किया। अब तक 2 लाख 75 हजार से अधिक इंतकाल, 16,258 तकसीम, 27,404 निशानदेही और 7260 दुरुस्ती के मामलों का निपटारा किया है।
प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में बसे लोगों को काम के लिए जिला मुख्यालय या राज्य सचिवालय न आना पड़े, इसके लिए ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। मैं स्वयं डोडरा-क्वार और कुपवी गया और एक रात वहां रुका। मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगी भी इस कार्यक्रम के माध्यम से जन समस्याओं का निवारण कर रहे हैं।
हमने अपने दो साल के कार्यकाल मंे 42,000 से अधिक रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाए हैं। इस वर्ष विभिन्न विभागों में 25,000 भर्तियां की जाएंगी।
प्रदेश के विकास में कर्मचारियों की भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण है। हमने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। प्रदेश के एक लाख 36 हजार एनपीएस कर्मचारियों को इस फैसले का लाभ मिला है। 15 मई से 70 वर्ष से 75 वर्ष के आयु वर्ग के पेंशनरों के बकाया एरियर का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही कर्मचारियों व अधिकारियों को उनके बकाया वेतन एरियर का चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा। एक जून से प्रदेश के कर्मचारियों को 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किस्त जारी की जाएगी। राज्य सरकार ने दो वर्षों में 14 प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी किया है। विभिन्न विभागों में कार्यरत पैरा वर्कर के मानदेय में भी ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है।
मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप सभी के सहयोग से प्रदेश सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर और देश के सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
हिमाचल दिवस के अवसर पर मैं पुनः आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
जय हिन्द, जय हिमाचल...!