Thursday, 18 September 2025
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देहरा विधानसभा उपचुनाव में जिला कल्याण अधिकारी द्वारा भी एक हजार महिलाओं को बांटा गया पैसा

  • होशियार सिंह ने राज्यपाल को भेजी शिकायत
  • उप चुनाव में ऐसे पैसा बांटा जाना पहली बार आया सामने
  • कांग्रेस के सामने राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा आरोप
  • एक उपचुनाव को पैसे से किया गया प्रभावित

शिमला/शैल। देहरा विधानसभा उपचुनाव में कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अतिरिक्त जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा भी क्षेत्र की एक हजार महिलाओं को 4500-4500 रुपए दिये जाने का आरोप भाजपा के हारे हुए प्रत्याशी पूर्व विधायक होशियार सिंह ने राज्यपाल को भेजी शिकायत में लगाया है। 25 मार्च को भेजी शिकायत में होशियार सिंह ने आरोप लगाया है कि जिन महिलाओं को समाज कल्याण अधिकारी ने यह पैसा भेजा है वह समाज कल्याण की किसी भी योजना में नामित नहीं हैं और न ही इस आश्य की कोई अधिसूचना उस समय की उपलब्ध है। इस नाते यह पैसा बांटा जाना जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 123 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इसी के साथ आई.पी.सी. की धारा 171 B के तहत भी दंडनीय श्रेणी में आता है। क्योंकि यह पैसा चुनाव को प्रभावित करने के लिए बांटा गया है यह आरोप है।
इसी चुनाव को प्रभावित करने के लिये क्षेत्र के 67 महिला मंडलों को कांगड़ा के केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा पचास-पचास हजार रूपया बांटा गया और होशियार सिंह ने इन महिला मंडलों की सूची अपनी शिकायत के साथ राज्यपाल को भेजी है। आरोप है कि ऐसा पैसा किसी और क्षेत्र के महिला मंडलों को नहीं दिया गया है। होशियार सिंह ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि उसने इस संबंध में जानकारी लेने के लिये संबंधित बैंक में 5 जनवरी 2025 और 7 मार्च 2025 को आर.टी.आई. के तहत भी सूचना मांगी थी जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया है। इस बारे में जब बजट सत्र के दौरान हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने सदन में प्रश्न उठाया था तब उसके जवाब में यह कहा गया की सूचना एकत्रित की जा रही है। सरकार द्वारा यह जवाब दिये जाने पर आशीष शर्मा ने इस संबंध में उनके द्वारा जुटाई गयी कुछ जानकारी सदन के पटल पर रख दी। इसके बाद होशियार सिंह ने राज्यपाल को शिकायत भेजी क्योंकि इस सब की जानकारी चुनाव परिणाम आ जाने के बाद सामने आयी जब चुनाव आचार संहिता के अपराधिक उल्लंघन की दस्तावेज आधारित जानकारी चुनाव के बाद सामने आती है तब उसकी शिकायत राज्यपाल को संविधान की धारा 191(1)(e) और 192 के तहत भेजी जाती है। ऐसी दस्तावेज आधारित जानकारी का संज्ञान लेकर उस पर अगली कारवाई करना राज्यपाल की कानून बाध्यता बन जाता है। इसलिये यह पैसा बांटा जाने पर कारवाई होना तय है। ऐसी कारवाई को अदालत में चुनौती भी नहीं दी जा सकती है। इस तरह से सत्तारूढ़ दल द्वारा एक उपचुनाव में पैसा बांटना राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के लिये एक बहुत बड़ा संकट हो जायेगा। क्योंकि इस समय कांग्रेस और केन्द्र सरकार में जिस तरह का राजनीतिक वातावरण चल रहा है उसके परिदृश्य में कांग्रेस की एक राज्य सरकार का ऐसा आचरण पूरे संगठन पर भारी पड़ेगा। वैसे इस मुद्दे पर प्रदेश भाजपा का भी एक बड़ा वर्ग रहस्यमय चुप्पी अपनाकर चल रहा है। जबकि यह मुद्दा सरकार और मुख्यमंत्री को घेरने के लिये भाजपा के पास एक बड़ा ब्रह्मास्त्र बन जाता है कि उपचुनाव में प्रत्याशी स्वयं मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी थी जो जीतकर आयी है।

यह है होशियार सिहं की शिकायत

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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