Thursday, 18 September 2025
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देहरा उपचुनाव में कांगड़ा सहकारी बैंक का पैसा प्रकरण पहुंचा राजभवन

  • होशियार सिंह ने संविधान की धारा 191 (1)(e) और 192 के तहत की है शिकायत
  • राज्यपाल ने बैंक से तलब की रिपोर्ट
शिमला/शैल।देहरा विधानसभा उपचुनाव के दौरान क्षेत्र के महिला मंडलों को केंद्रीय सहकारी बैंक धर्मशाला कांगड़ा से पचास -पचास रुपए देने का मामला शिकायत के रूप में महामहिम राज्यपाल के पास पहुंच गया है। इसकी शिकायत चुनाव हारने वाले भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक होशियार सिंह ने की है। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद इस तरह राज्य सहकारी बैंक द्वारा सिर्फ देहरा के ही महिला मंडलों को पैसा बांटना आचार संहिता की खुली उल्लंघना माना जा रहा है। इस उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर की जीत हुई है। कमलेश ठाकुर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की धर्मपत्नी है। मुख्यमंत्री के पास ही प्रदेश के वित्त विभाग का प्रभार भी है और प्रदेश के सहकारी बैंकों का प्रभार भी मुख्यमंत्री के ही पास है ।
देहरा में यह पैसा बैंक द्वारा मतदान के शायद एक पखवाड़ा पहले दिया गया है। सिर्फ देहरा के ही महिला मंडलों को चुनाव से पूर्व इस तरह से पैसा बांटा जाना सीधे चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास माना जा रहा है। यह सब चुनाव के बाद सामने आया है। और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1991 की धारा 123 में वर्णित भ्रष्ट आचरण में आता है। चुनावों के बाद सामने आये ऐसे आचरण की शिकायत संविधान की धारा 191(1)(e) और 192 के तहत राज्यपाल के पास दायर की जाती है। होशियार सिंह ने इन्हीं प्रावधानों के तहत राज्यपाल से शिकायत की है। राज्यपाल ने शिकायत आने के बाद केंद्रीय सहकारी बैंक से इस संबंध में रिपोर्ट तलब कर ली है । यदि रिपोर्ट में तथ्यों की पुष्टि हो जाती है तो राज्यपाल इस मामले को अपनी संस्तुति के साथ चुनाव आयोग को भेज देंगे। ऐसे मामलों में राज्यपाल का आदेश अंतिम होता है और उसे अदालत में भी चुनौती नहीं दी जा सकती है। स्मरणीय है कि बजट सत्र के दौरान हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने इस आशय का प्रश्न सदन में पूछा था। लेकिन इसके उत्तर में कहा गया था की सूचना एकत्रित की जा रही है। इस जवाब पर हुये वाद विवाद में आशीष शर्मा ने कुछ महिला मंडलों को बांटे गये पैसे के दस्तावेज जो उन्होंने जूटा रखे थे वह सदन के पटल पर रख दिए थे। यह दस्तावेज सदन के पटल पर आने के बाद पूरे मामले की गंभीरता बढ़ गई थी । शैल ने यह दस्तावेज उस समय पाठकों के सामने रखे हैं। अब यह मामला राज्यपाल और चुनाव आयोग के सामने आ गया है। नियमों के अनुसार इसमें बहुत जल्द कारवाई होने की संभावना है ।और इसमें विधायकी जाने की भी संभावनाएं हैं। प्रदेश की राजनीति में इस मामले के दूरगामी प्रभाव होंगे ।
यह है संविधान की धारा 191 और 192 के प्रावधान
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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