मोदी सरकार ने जान विश्वास विधायक पारित करके व्यवसाय और जीवन ज्ञापन को सुगम बनाने का प्रयास करने का दावा किया है। क्योंकि मोदी मूल सूत्र मेक इन इंडिया है। इस सूत्र के तहत विदेश की बहुराष्ट्रीय कंपनियों को यहां बुलाकर देश के संसाधन उन्हें उपलब्ध करवाकर देश के निर्माण करने के लिए आमंत्रित किया है। इस व्यवसायिक सुगमता के लिये ही यहां के हर संसाधन की प्राइवेट सैक्टर को उपलब्धतता सुनिश्चित करने के लिये बड़े पैमाने पर निजीकरण को बढ़ावा दिया गया है। इससे यह बहुराष्ट्रीय कंपनियां हमारे ही संसाधनों से लाभ कमा कर अपने देश में ले जा रहे हैं। क्योंकि सरकार मेड इन इंडिया की बजाये मेक इन इंडिया को सूत्र बनाकर चल रही है। इसलिये इस संद्धर्भ में भी कुछ अप्रत्याशित लाने के लिये यह विशेष सत्र नहीं हो रहा है यह तय है।
मोदी सरकार हर चुनाव में अपना एजेंडा बदलती रही है यह अब तक का रिकॉर्ड रहा है। हर चुनाव नये नारे पर ही लड़ा गया है। इसलिये इस चुनाव के लिये भी कुछ नया लाने का प्रयास रहेगा यह तय है। मोदी सरकार ने विधानसभा से लेकर संसद तक को अपराधियों से मुक्त करवाने और एक देश एक चुनाव की बात भी संसद के संयुक्त सत्र में की थी। इसलिये इस विशेष सत्र में इस आश्य का संशोधन लाये जाने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि पिछले दोनों चुनावों में विपक्ष बिखरा हुआ था जो कि अब इकट्ठा होता जा रहा है। जिस राहुल गांधी को पप्पू प्रचारित करने के लिये लाखों का निवेश किया गया था वह राहुल गांधी भारत छोड़ो यात्रा के बाद मोदी से बहुत आगे निकल चुका है। लेकिन एक बड़ा सच यह भी है कि भाजपा संघ परिवार की एक राजनीतिक इकाई है। संघ का मूल सूत्र हिन्दु राष्ट्र की स्थापना है। संघ की सारी ईकाईयां इस दिशा में प्रयासरत रही हैं। इस समय संसद में जो बहुमत मोदी भाजपा को हासिल है इतना बड़ा बहुमत पुनः मिल पाना संभव नहीं है। हिन्दु राष्ट्र को लेकर देश की राजनीतिक प्रतिक्रिया क्या रहेगी इसके लिये दो स्तरों पर प्रयास हुये हैं। मेघालय उच्च न्यायालय के जस्टीस सेन का हिन्दु राष्ट्र को लेकर दिया गया फैसला पहला प्रयास था। भले ही मेघालय उच्च न्यायालय की बड़ी पीठ ने एकल पीठ के फैसले को बाद में पलट दिया है लेकिन यह पलटना तब हुआ जब इस पर सर्वाेच्च न्यायालय में एक याचिका आ गयी। यह फैसला राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक सब स्तरों पर सर्व हो चुकने के बाद पलटा गया है। परन्तु इस पर केंद्र सरकार और संघ की कोई प्रतिक्रिया तक नहीं आयी है। जबकि संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने के नाम से भारत का नया संविधान तक वायरल हो चुका है और इस पर भी संघ और सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। मोदी सरकार आर्थिक क्षेत्र में बुरी तरह असफल रही है। महंगाई और बेरोजगारी ने हर आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। इनके अनुपात में आम आदमी की आय नहीं बढ़ी है। बेरोजगार और गरीब के लिये चन्द्रयान की उपलब्धि अपनी महंगाई और बेरोजगारी के बाद आती है। इसलिये संभव है कि सरकार संघ के दबाव में हिन्दु राष्ट्र को लेकर इस विशेष सत्र में फैसला ले लें।