Sunday, 21 September 2025
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गिरफ्तारी पर रोक का उच्च न्यायालय के आदेश में कोई जिक्र नही

शिमला/शैल। सीबीआई के साथ ही मनीलाॅडंरिग का मामला झेल रहे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने ईडी द्वारा उनके एल आई सी ऐजैन्ट आनन्द चौहान की गिरफ्तारी के बाद अपनी गिरफ्रतारी की आशंका जताते हूए दिल्ली उच्च न्यायालय से प्रोटैक्शन की गुहार लगाई थी। इसी बीच ईडी ने प्रतिभा सिंह को 28 जुलाई को जांच में शामिल होने के लिये बुलाया था लेकिन वह जांच में शामिल नही हुई। 29 जुलाई को यह मामला सुनवाई के लिये जस्टिस सांघी की अदालत में लगा था। उस दिन यह आदेश हुआ हैः Though the reply is stated to have been filed, the same has not come on record. Another copy has been tendered in Court, which is taken on “record. It is informed that petitioner No.2 had been called for investigation on 28.07.2016 She,however, did not personally appear for her investigation and the same has now been fixed for 09.08.2016. Mr.Sibal submits that petitioner No.2 shall personally appear for interrogation before the concerned authorities and shall fully cooperate with them during the said investigation. Mr. Jain submits that the status report shall be filed with regard to the further investigation carried out by the respondent before the next date. List on 24.08.2016 इस आदेश में संभावित गिरफ्तारी की संभावना पर रोक को कोई जिक्र ही नही है। 29 जुलाई को प्रतिभा सिंह के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत के सामने अपना पक्ष रखते हुए यह भरोसा व्यक्त किया है कि प्रतिभा सिंह 9 अगस्त को ईडी के पास जांच में शामिल होंगी और जांच में पूरा सहयोग भी देगी। प्रतिभा सिंह के जांच में शामिल होने के बाद ईडी इसमें अगली जांच करने के बाद अदालत में इस मामले की स्टेट्स रिपोर्ट रखेगी। स्मरणीय है कि 29 जुलाई को इस मामले में हुई सुनवाई के बाद समाचार पत्रों में यह छप गया था कि इस मामले में प्रतिभा सिंह को भारी राहत मिल गयी है और अदालत ने इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। 

जबकि अदालत के आदेश में गिरफ्तारी का कोई जिक्र ही नही है। ऐसे में कानून के जानकारों का मानना है कि 9 अगस्त को प्रतिभा सिंह के जांच में शामिल होने के बाद इस मामले में गंभीर मोड़ आ सकता है। स्मरणीय है कि आनन्द चौहान ने जो एल आई सी पालिसीयां वीरभद्र परिवार के सदस्यों के नाम पर बनवाई थी उनमें चार 27.3.2010 और सात 28.5.10 तथा चार विक्रमायादित्य के नाम पर 31.12.2010 को बनी है जबकि अपराजिता कुमारी के नाम पर 17.10.2014 को दो एफ डी आर बनी है। संयोग है कि एल आई सी की पालिसीयां उसी दौरान बनी जब वीरभद्र केन्द्र में स्टील मंत्री थे। इसी 2009-10, 2010-11 की अवधि 6,03,70,782 रूपेय आनन्द चौहान, एम आर शर्मा और कनु प्रिया राठौर के खातों में कैश जमा हुआ जिसमें से 13-5-2014 को ग्रटर कैलाश दिल्ली में प्रतिभा सिंह के नाम पर 4,47,20,000 से मकान खरीदा गया। ईडी को आशंका है कि यह सारा पैसा मनीलाॅडंरिग है और इसी को लेकर यह पूछताछ संभावित है।

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