Friday, 19 September 2025
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दोपहर को लिये जा रहे फैसले शाम तक बदलने पड़ रहें

  • क्या सरकार में आपसी तालमेल का अभाव है?
  • क्या वित्तीय दबाव के कारण अव्यवहारिक फैसले लिये जा रहे हैं?

शिमला/शैल। नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाया है कि इसमें आपसी तालमेल का गंभीर अभाव है। क्योंकि सरकार द्वारा दोपहर को लिये फैसले शाम को ही बदल दिये जा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने यह आरोप तब लगाया जब सरकार ने शनिवार को दोपहर में यह अधिसूचना जारी की पटवारी और कानूनगो अब से राज्य सरकार के कर्मचारी होंगे। यह अधिसूचना आने पर संबधित कर्मचारियों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं देनी शुरू कर दी। लेकिन थोड़ी देर बाद दूसरी अधिसूचना आ गयी और इसमें पहले को खारिज कर दिया गया। इससे पहले परिवहन निगम लग्गेज पॉलिसी लायी और बुजुर्गों की दवाई से लेकर बच्चों के खेलने के समान पर भी किराया वसूला। विशेष पथकर लगाकर प्रदेश की पर्यटन को तबाह कर दिया। जब जनता में रोष पनपा तो इन फैसलों को भी बदलना पड़ा। स्टोन क्रेशर बंद करने और फिर खोलने का फैसला भी सोच विचार के अभाव को ही दिखता है। माध्यमिक शिक्षा में पहले गेस्ट शिक्षक योजना की बातें की गयी और बाद में उसे बदल दिया गया।
इस तरह फैसले लेने और उन पर अमल से पहले ही उन्हें बदल देना यही दिखता है कि बिना व्यापक विचार विमर्श के फैसले लिये जा रहे हैं। सरकार में आपस में तालमेल का गहरा संकट चल रहा है। इस तरह की कार्य प्रणाली का आम जनता पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ रहा है। ऐसे बिना सोच विचार लिये जा रहे फैसलों से जनता में यही संदेश जा रहा है कि सरकार पैसा इकट्ठा करने के लिये कोई भी फैसला ले रही है। लेकिन फैसलों की यह व्यवहारिकता नहीं देखी जा रही है कि उनका आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा। आज सरकार हरित ऊर्जा के नाम ई-वाहन खरीद योजना पर 50ः तक अनुदान देने की घोषणा कर रही है। लेकिन इस घोषणा के बाद भी लोग आगे नहीं आ रहे हैं। इससे यह स्पष्ट संकेत जाता है कि लोग इस योजना की पहाड़ी क्षेत्र में सफलता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। फिर आज प्रदेश जिस तरह के वित्तीय संकट में चल रहा है उसमें यह सवाल और भी अहम हो जाता है कि क्या कर्ज लेकर ऐसी योजनाओं को लाना आवश्यक है।

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