Friday, 19 September 2025
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पुलिसकर्मीयों के परिजन निकालेंगे रोष रैली

शिमला/शैल। जयराम सरकार ने प्रदेश कर्मचारियों के साथ जेसीसी बैठक करके उन्हें नये वेतनमान देने और अनुबंध कर्मचारियों की अनुबंध अवधि तीन साल से घटाकर दो साल करने का फैसला लिया है। जेसीसी में हुये इस फैसले को मंत्रिमंडल की बैठक में भी अनुमोदित कर दिया गया है। लेकिन सरकार के इस फैसले का लाभ उन पुलिसकर्मियों को नहीं मिलेगा जो पुलिस में 2015, 16, 17 और 19 में भर्ती हुये हैं। इन वर्षों में भर्ती हुये करीब 5700 पुलिस कर्मी इस फैसले से लाभान्वित नहीं होंगे। क्योंकि इनके लिए अनुबंध अवधि अभी भी आठ वर्ष ही है। इन्हें 10300+3200 का वेतनमान लेने के लिये आठ वर्ष का इंतजार करना ही पड़ेगा।
निश्चित रूप से इन पुलिस कर्मचारियों के साथ यह ज्यादती है। इस न इन्साफी के खिलाफ यह लोग पुलिस मैस का बहिष्कार करके और बाकायदा इसका रोजना मचे में जिक्र करके अपना विरोध प्रकट करते आये हैं। जब जेसीसी की बैठक में इनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तब तय लोग मुख्यमंत्री के आवास पर उनसे मिलने भी पहुंच गये थे। मुख्यमंत्री ने इनकी बात सुनके आश्वासन भी दिया था। लेकिन इस आश्वासन के बावजूद इन्हें पुलिस मुख्यालय से अनुशासन के चाबुक का सामना करना पड़ा। जुबान बंद रखने की पाबंदी लग गयी। सोशल मीडिया में भी अपनी तकलीफ सांझा नहीं कर सकते ऐसे निर्देश जारी हो गये। ऐसी पाबंदी लगने पर इनके परिजनों ने इनकी मांगे उठाने की जिम्मेदारी ले ली। बिलासपुर में जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा आये थे तब उनके सामने यह मांगे रखने का फैसला लिया और इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दे दी गयी थी। लेकिन जब परिजन नड्डा से मिलने पहुंचे तब उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर दी गयी।
अब यह परिजन अपने बच्चों की लड़ाई लड़ने के लिए विवश कर दिये गये हैं। क्योंकि जब विधानसभा में भी यह मामला उठा तब इस विसंगति की जिम्मेदारी पूर्व की कांग्रेस सरकार पर डाल दी गयी। ऐसे में अब इन परिजनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि इनकी मांगों को पूरा न किया गया तो यह लोग प्रधानमंत्री की प्रस्तावित मण्डी यात्रा के दौरान रोष रैली निकालकर प्रधानमंत्री के सामने अपनी मांगें रखेंगे। कर्मीयों के दर्जनों अभिभावकों ने इस आशय के पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को अपने फैसले से अवगत करवा दिया है। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इनकी मांग स्वीकार करने के कोई संकेत नहीं आये हैं। ऐसे में तय माना जा रहा है की मण्डी में बिलासपुर से भी बड़ा कुछ घटेगा।

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