गया है। दूसरे मामलें में विभाग के तत्कालीन निदेशक की गिरफ्तारी के बाद एक और व्यक्ति की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस दूसरे व्यक्ति को तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष डा.राजीव बिन्दल का नज़दीकी करार दिया गया था। इस निकटता के आरोप पर राजीव बिन्दल ने नैतिकता के आधार पर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। तीसरे मामले वैंन्टीलेटर खरीद में एक बेनामी पत्र के माध्यम से आरोप लगे। इन बेनामी आरोपों पर भी एक जांच कमेटी बैठानी पड़ गयी है। ऐसे में यह स्वभाविक है कि जब विभाग में तीन मामलों को लेकर जांच की स्थिति आ पहुंची हो तो न केवल विपक्ष ही बल्कि आम आदमी भी विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर शक करने पर विवश हो जायेगा।