क्या भारत उस विभाजनकारी, विध्वंसकारी विचारधारा से संचालित होगा जो लोगों के अधिकारों को, संस्थाओं को, विविधतापूर्ण, सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्ववादी स्वस्थ मतभिन्नता के विचार को, जोकि भारत जैसे बहु-सांस्कृतिक समाज और देश की आत्मा है, रौंदकर छिन्न-भिन्न कर देगा?
क्या भारत विकास की लहरों के साथ, अपने सभी नागरिकों, को ऊपर उठाकर, उन्हें गरीबी के कुचक्र से मुक्ति दिला पायेगा या भारत, धन-संपत्ति और शक्ति की असमानताओं से पहचाना जाने वाला राष्ट्र बनकर रह जायेगा?
पिछले 5 वर्ष, भारत तथा भारतीयता के लिए विनाशकारी रहे हैं। युवाओं का रोजगार छिन गया है। किसान उम्मीद खो चुके हैं, व्यापारियों का कारोबार छिन्न-भिन्न हो चुका है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों ने, अपना आत्मविश्वास खो दिया है, महिलाओं में सुरक्षा की भावना का ह्रास हुआ है, वंचित समुदायों ने अपने पारंपरिक अधिकार खो दिये हैं, संस्थाओं ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है। इन सबसे इतर जो सबसे खतरनाक चीज हुई है वह यह है कि आम जनता के बीच प्रधानमंत्री और उनके मंत्रीमंडल के ‘शब्दों’ ने अपना विश्वास खो दिया है। उन्होंने हमें केवल आडंबर से परिपूर्ण किन्तु खोखले वायदे, असफल कार्यक्रम, झूठे आंकड़े, भय और नफरत का वातावरण दिया है।
गंभीर संकट के इस दौर में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, पिछले पांच वर्ष के दुःस्वप्न से मुक्ति का वादा करती है। इस घोषणा पत्र के द्वारा कांग्रेस, अपने आपको, आपके सम्मुख, एक मात्र राष्ट्रीय विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती है, एक विकल्प जो सत्य, स्वतंत्रता, गरिमा, आत्मसम्मान, सौहार्द और समृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अटूट है। हम भारत को मजबूत और एकजुट बनाने, और न्यायपूर्ण व समृद्ध समाज बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
हमारा घोषणा पत्र ‘‘जनता की आवाज को सुनना’’ जैसे उच्च विचार एवं दर्शन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह किसी एक व्यक्ति के ‘‘मन की बात’’ नहीं है बल्कि लाखों-करोड़ों देशवासियों की सामूहिक आवाज है।
हमने जनता की अकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं को शामिल करने के लिए सभी आधुनिक साधन (वेबसाइट, व्हाटसएप, ईमेल, आनलाइन याचिकांए) तथा परंपरागत तरीके, नागरिकों, हितधारकों, विशेषज्ञों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ व्यापक चर्चा की तथा उस निष्कर्ष को इस घोषणा पत्र में शामिल किया है।
अक्टूबर 2018 से फरवरी 2019 के बीच आप में से कई लोग, देश की कम से कम 16 भाषाओं तथा आपके आस-पास आसानी से उपलब्ध साधनों के माध्यम से, कांग्रेस के साथ बातचीत में शामिल हुए हैं। हमारी घोषणा पत्र समिति ने आम नागरिकों के साथ 121, तथा किसानों, उद्यमियों, अर्थशास्त्रियों, छात्रों, शिक्षकों, महिला समूहों, डाक्टर, वकील तथा अन्य क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों, विद्वानों के साथ 53 परामर्श कार्यक्रम आयोजित किये। हमने 24 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों के 60 से अधिक स्थानों में परामर्श आयोजित किये। हमने 12 से अधिक देशों के अप्रवासी भारतीयों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात और चर्चा की।
मैं व्यक्तिगत रूप से, देश के कोने-कोने में जाकर लोगों से मिलता हूं और उनकी बातों विचारों को सुनता हूं, परिणामस्वरुप, कांग्रेस के घोषणा पत्र में अंकित प्रत्येक शब्द, आपकी आवाज और करोड़ो भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह भारत के बेहतर भविष्य के लिए एक कार्ययोजना है। इस घोषणापत्र को बनाने में आपकी प्रेरणा, आपकी आकांक्षा का योगदान है। यह घोषणापत्र एक जीवित दस्तावेज है। इस घोषणापत्र को अब आपके समर्थन और आपके मूल्यवान वोट की जरूरत है।
हम अपने घोषणा पत्र के क्रिन्यान्वयन/कार्यान्वयन की स्थिति पर, प्रत्येक वर्ष, सार्वजनिक रूप से देश के लोगों के सम्मुख अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। हम एक स्वतंत्र सोशल आडिट ग्रुप बनायेंगे, जो इस बात का आंकलन करेगा कि हमने अपने वायदे किस हद तक और कैसे पूरे किये हैं। यह हमारी प्रतिबद्धता है, कांग्रेस जो वायदा करती है, उसे निभाती है।
राहुल गांधी
अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
फैसलेे की घड़ी
2019 के आम चुनाव महात्मा गाँधी जी की 150वीं जयन्ती वर्ष के दौरान हो रहे हैं। यह वक्त हमें याद दिला रहा है कि यह चुनाव दो विपरीत विचारधाराओं के बीच का चुनाव भी है। जहाँ एक तरफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस खड़ी है, जिसने देश में एक मजबूत, समृद्ध और सौहार्दपूर्ण आधुनिक भारत का निर्माण करते हुए, हर भारतवासी की आंख से आंसू पोंछने का सफल प्रयास किया है। वहीं दूसरी तरफ, गोडसे की विचारधारा है, जो भारत के उस विचार को नष्ट करने की कोशिश कर रही है जिसको प्रतिस्थापित करने के लिए महात्मा गाँधी ने अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया था।
पिछले पांच वर्ष में, भाजपा सरकार के मोदी मॉडल के अन्तर्गत इस देश को भारी सामाजिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। भाजपा के मोदी मॉडल ने, हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, किसानों को बर्बाद कर दिया है, छोटे और मध्यम व्यवसायों को नष्ट कर दिया, जिसके कारण बेरोजगारी अपने चरम पर है और इन सबसे ऊपर इस माॅडल ने समाज में वैमनस्यता, नफरत और भय का माहौल पैदा कर दिया है। यह ऐसा मॉडल है जिसने अधिकांश भारतीयों से, उनकी गरिमा, विश्वास और आवाज छीन ली है। यह ऐसा माॅडल है जिसकी भारत को जरूरत नहीं है। यह ऐसा माॅडल है जिसे सभी भारतीयों को अस्वीकार करना चाहिए।
कांग्रेस का माॅडल भाजपा के माॅडल से बिल्कुल अलग है। कांग्रेस ने हमेशा से सुधारात्मक विकास, समावेशी वृद्धि और उत्तरदायी शासन दिया है जिसने भारतीय गणतंत्र को मजबूत किया है।
2019 का चुनाव भारत के भविष्य के साथ-साथ हमारे बच्चों के भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। आज हमारे सामने विकल्प बिल्कुल स्पष्ट हैं-
हम क्या चुनते हैं- स्वतंत्रता या भय?
हम क्या चुनते हैं-सद्भाव या घृणा?
हम क्या चुनते हैं-समावेश या बहिष्करण?
हम क्या चुनते हैं- भाईचारा या भेदभाव?
हम क्या चुनते हैं- गरिमा या उत्पीड़न?
हम क्या चुनते हैं- सबका विकास या चंद लोगों की दौलत?
हम क्या चुनते हैं- परिणाम या जुमला?
हम क्या चुनते हैं- न्याय या अन्याय?
हमारे सहयोगी और अन्य प्रगतिशील राजनैतिक दल, चुनाव के इस महत्वपूर्ण क्षण के महत्व को समझते हैं, इसलिए हम सब भाजपा नेतृत्व वाले गठबन्धन को हराने और राष्ट्र को पुनः सामाजिक सौहार्द और विकास की पटरी पर लाने के लिये एकजुट हुए हैं।
इस घोषणा पत्र के माध्यम से हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को एकमात्र राष्ट्रीय विकल्प के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
कांग्रेस पुनः क्यों?
यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है और इसका उत्तर हमारे द्वारा किये गये विकास कार्यों के आंकडे़ स्वयं बताते हैं। हम पहले भी देश के लोगों को समृद्धि और विकास के पथ पर लेकर चले हैं, और हम पुनः देश को प्रगतिपथ पर ले जाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
अगले कुछ दिनों में हमारे सामने, एक चुनावी चुनौती है जो आने वाले कई दशकों के लिए भारत का भविष्य तय करेगी। भारत ने पहले भी इस तरह की गंभीर चुनौतियों का सामना किया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ऐसी अनेक चुनौतियों का आगे बढ़कर मुकाबला किया है और हर बार भारत ने शानदार जीत हासिल की है।
कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम में देश का नेतृत्व किया है और सफलता प्राप्त की है। हमने संसदीय लोकतंत्र की स्थापना की है और उसे अपने खून पसीने से सींचा है। हमने देश को एक दूरदर्शी संविधान निर्माण करने और अपनाने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया है, एक संविधान जिसमें सामाजिक- आर्थिक-सहभागिता और सौहार्द की भावना निहित है। हमनें देश के लोकतंत्र की रक्षा और पहरेदारी करने वाली संस्थाओं की स्थापना की है, और हमने देश को एक मजबूत नैतिक आधार प्रदान किया है जो हर बार, हर प्रकार की चुनौती की कसौटी पर खरा उतरा है। इसके विपरीत भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्वतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को अभूतपूर्ण नुकसान हुआ है।
कांग्रेस देश के संविधान और संस्थानों पर आम जनता के विश्वास की पुर्नस्थापना करेगी। हमने ऐसा पहले भी किया है, और हम इसे पुनः करेंगे।
कांग्रेस ने समृद्धता और उत्पादकता पर आधारित, आधुनिक भारत का निर्माण किया है। हमने आई.आई.टी., आई.आई.एम., अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) सी.एस.आई.आर. संस्थान और प्रयोगशालायें, शैक्षणिक और वैज्ञानिक शोध संस्थाऐं स्थापित की हैं, जिन्होनें भारतीयों की बुद्धिमता और प्रतिभा को नई चमक और ऊंचाई दी है। हरितक्रांति और स्वेतक्रांति, जिसने ग्रामीण भारत के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव किये हैं, को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हमने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्थापित किये हैं, जिन्होंने तकनीकि और औद्याोगिक विकास को नई ऊंचाई प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने भारत को परमाणु शक्ति और अंतरिक्ष शक्ति संपन्न देश बनाया है, हमने इलेक्ट्राॅनिक्स और दूरसंचार क्रांति का नेतृत्व किया है, और भारत को सूचना प्रौद्याोगिकी के शीर्ष पर पहुंचाया है।
दूसरी तरफ भाजपा सरकार की नीतियों के कारण, कृषि उपज की कीमत पिछले 10 साल में सबसे कम है, उद्यमों द्वारा ऋण दर पिछले 20 साल में, सबसे कम है, और बेरोजगारी पिछले 45 साल में सबसे अधिक।
निर्यात और निवेश, ऐतिहासिक तौर पर अपने निम्न स्तर पर है, परियोजनाएं बड़े पैमाने पर रूकी पड़ी हैं, और कारखानों के बन्द होने से विनिर्माण क्षेत्र में भारी रूकावट आई है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया पूरी तरह असफल हो गये हैं। पेट्रोल- डीजल और गैस के दाम आसमान छू रहे हैं, उपभोक्ताओं में निराशा का भाव है जिसके कारण सरकार पूरी तरह से जनता का विश्वास खो चुकी है। किसान हर प्रकार से नाउम्मीद हो चुका है, और अत्यधिक तनाव में है। कुछ वर्ष पूर्व का एक आकांक्षापूर्ण भारत आज एक हताश और निराश भारत बन चुका है। 21वीं सदी में, विश्वस्तर पर पुनः भारत को एक मजबूत और अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए, कांग्रेस एक बार फिर देश की व्यवस्था को पटरी पर लायेगी।
हमने पहले भी किया है और हम इसे फिर से करेंगे।
कांग्रेस ने उदारीकरण और आर्थिक सुधारों की शुरूआत की, यह कांग्रेस ही है जिसने सफल मध्यमवर्ग और नये उद्यमी वर्ग का निर्माण किया, यह कांग्रेस ही है जिसने गरीबजनों के लिए सामाजिक सुरक्षा का व्यापक आधार तैयार करने के लिए अधिकार आधारित कानूनों को संसद से पारित करवाया। यह कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ही थी जिसने 2004 से 2014 के दौरान, 14 करोड़ भारतीयों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकाला।
दूसरी ओर मोदी जी ने, मनमाने ढ़ंग से अकेले ही, नोटबंदी करके देश
की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। नोटबंदी से उत्पादन समाप्त हो गया, लाखों लोगों का रोजगार खत्म हो गया, उद्यमी-उद्यम और मजदूर कर्ज के जंजाल में फंस गये और सबसे बड़ी बात देश की जनता को 4 लाख करोड़ रूपये का नुकसान उठाना पड़ा। उसके पश्चात, बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में जी.एस.टी. को लागू कर दिया, जिसके नियम उटपटांग तरीके से लगभग हर रोज बदले गये हैं, अधिकारियों को दी गई मनमानी शक्तियों के कारण इंस्पेक्टर राज की वापसी हो गई है। कर आतंकवाद ने हमारे उद्यमियों की आत्मा को कुचल दिया है, इन सबके कारण किसानों, छोटे व्यापारियों, उद्यमियों, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत् मजदूरों का जीवन और आजिविका पूरी तरह से नष्ट हो गई है, कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि पिछले पांच साल में जो ज्यादतियां या गलतीयां हुई हैं उन्हें सुधार कर एक ऐसी अर्थव्यवस्था को पुनः स्थापित किया जायेगा, जो ‘सबके लिए हो’, और जिसमें कोई भी व्यक्ति पीछे न छूट जाये।
हमने यह पहले भी किया है और हम इसे दुबारा भी करेंगे।
जय जवान, जय किसान के नारे से प्रेरित होकर, कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में देश ने पाकिस्तान पर 1965 के युद्ध में विजय प्राप्त की, 1971 के युद्ध में हमने पाकिस्तान को निर्णयात्मक रूप से पराजित करके बांग्लादेश को मुक्त करवाया। हमने देश के भीतर पनपते आपसी मतभेदों को समाप्त करते हुए, देश में सौहार्दपूर्ण माहौल, प्रेम और भाईचारा सुनिश्चित करने के साथ-साथ, अलगाववादी ताकतों को समाप्त किया। कांग्रेस नेता महात्मा गांधी, श्रीमती इन्दिरा गाँधी, श्री राजीव गाँधी और श्री बेअन्त सिंह ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने अमूल्य प्राणों का बलिदान दिया।
दूसरी तरफ भाजपा सरकार की नीतियां, एक व्यक्ति की सनक पर केन्द्रित रही हैं जिसमें विदेश मंत्रालय और विदेश नीति के जानकारों को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है। यूपीए सरकार की वर्षों की मेहनत पर पानी फेरते हुए, भाजपा सरकार ने आन्तरिक समस्याओं को बढ़ाया है, जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश की मुख्यधारा से अलग-थलग करते हुए, राज्य की सुरक्षा की स्थिति को बद् से बदतर कर दिया है। राष्ट्रवाद बढ़ रहा है और
सुरक्षा बलों की सफलता का राजनीतिकरण किया जा रहा है। मोदी सरकार के तमाम दावों और खुद की पीठ थपथपाने के शौक के बावजूद, सच यह है कि जी.डी.पी. के सापेक्ष रक्षा बजट के लिए पिछले 50 साल में सबसे कम धन आवंटित किया गया है। कांग्रेस सशस्त्र बलों के गौरव और सम्मान को पुनःस्थापित करेगी, सेना को राजनीति से दूर रखेगी, विदेशनीति की बागडोर पेशेवर विदेशनीति विशेषज्ञों के हाथ में सौपंते हुए, एक शक्तिशाली और दृढ़ भारत की नींव को पुनः मजबूती प्रदान की जायेगी।
हमने ऐसा पहले भी किया है, और हम इसे दुबारा भी करेंगे।
काम रोजगार और विकास
हमारा संकल्प है रोजगार, रोजगार और रोजगार ... कांग्रेस मौजूदा नौकरियों की सुरक्षा और नयी नौकरियों के सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता, मार्च 2020 तक केन्द्र सरकार और संस्थानों के सभी 4 लाख खाली पदों को भरेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी निकायों में करीब 10 लाख सेवा मित्रों के पदों का सृजन, 2500 से अधिक आबादी वाले गांवो के लिए दूसरी आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति, 1 करोड़ रोजगार पैदा करने के लिये जलाशय पुननिर्माण अभियान तथा बंजर भूमि पुनरुद्धार अभियान की शुरुआत, सभी सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए लागू कानूनों (न्यूनतम् मजदूरी और कर नियम कानूनों को छोड़कर) में तीन साल की अवधि तक छूट, राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
(3) 1 अप्रैल, 2019 के अनुसार केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, न्यायपालिका और संसद के सभी 4 लाख रिक्त पदों को मार्च 2020 तक भर दिया जायेगा। कांग्रेस सरकार राज्यों को, शिक्षा-स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों (ग्राम पंचायत, नगर निकाय) के लिए धन आंवटित करने से पहले शर्त रखेगी कि शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों के सभी रिक्त पदों (करीब 20 लाख) को प्राथमिकता से भरा जाये।
(11) हम छोटे और मध्यम स्तरीय उद्यमियों को नियामक राहत प्रदान करेंगे। 1 अप्रैल, 2019 या स्थापना की तारीख से 3 साल की अवधि तक, सभी सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए लागू कानूनों (न्यूनतम मजदूरी और कर नियम कानूनों को छोड़कर) में छूट का वायदा करते हैं। इसका मतलब हुआ कि जब तक वे स्थिर/सक्षम नहीं हो जाते तब तक ‘नियमों और कानूनों’ से राहत और पूर्ण मुक्ति।
उद्योग
वर्ष 2030 तक गरीबी का नामोनिशान मिटाने के लिये कांग्रेस न्यूनतम आय योजना की शुरुआत करेगी, भारत की 20 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी को हर साल बहत्तर हजार रुपये (72,000) दिये जायेंगे। कांग्रेस का लक्ष्य होगा कि कोई भी ‘‘भारतीय परिवार पीछे न छूट जाये’’।
दाम सबके हितार्थ अर्थव्यवस्था
हम सिर्फ कर्ज माफी करके ही अपने जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ेंगे, बल्कि उचित मूल्य, कृषि में कम लागत, बैंकों से ऋण सुविधा के द्वारा हम किसानों को ‘‘कर्ज मुक्ति’’ अर्थात Freedom From Indebtedness की तरफ ले जाने का वायदा करते हैं। कृषि क्षेत्र को विशेष महत्व देते हुए हम अलग से किसान बजट प्रस्तुत करेंगे।
कर निर्धारण और कर प्रणाली
जी.एस.टी. 2.0 युग सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक समान, सीमित और आदर्श मापदण्ड के अनुसार होगा। जी.एस.टी. 2.0 नये व्यवसाय और रोजगार पैदा करते हुए विकास गति को बढ़ायेगा।
बैंकिंग और वित्तिय क्षेत्र
एम.एस.एम.ई. को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर नये संस्थानों (छोटे बैंकों) की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी, ताकि एम.एस.एम.ई. को ऋण उपलब्ध करवाया जा सके।
राष्ट्रीय सुरक्षा
एनडीए राज में रक्षा खर्च में आयी गिरावट की प्रवृत्ति को कांग्रेस पलटेगी और सशस्त्र बलों की सभी जरुरतों को पूरा करने के लिये इसमें बढ़ोत्तरी करेगी। हम पारदर्शी तरीके से सशस्त्र बलों के सभी आधुनिकीकरण कार्यक्रमों में तेजी लायेंगे। सशस्त्र बलों के लिये वन रैंक, वन पेंशन की विसंगतियों को दूर किया जायेगा, हम अपने अर्धसैनिक बलों और उनके परिवारों के लिये सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार करेंगे।
विदेश नीति
कांग्रेस दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद का कड़ा विरोध करती है और आतंकवादी गुटों, आतंकवादी घटनाओं और सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने का वायदा करती है।
भूतवूर्व सैनिक
कांग्रेस शहीदों के परिवारों को मुआवजे की नीति तैयार करने और लागू करने का वचन देती है। इस नयी नीति में पूर्ण वेतन और भत्ते शामिल होंगे, बच्चों की शिक्षा के लिए धन तथा शहीद परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और उपयुक्त मौद्रिक मुआवजा शामिल होगा
नागरिकों एवं नागरिक संगठनों के साथ जुड़ाव
कांग्रेस नागरिक/सामाजिक संगठनों के साथ जुड़ने की प्रक्रिया को जारी रखेगी, ताकि सरकार उनके अनुभव और ज्ञान से लाभान्वित होती रहे। कांग्रेस, राष्ट्रीय एकता परिषद् का पुनर्गठन करेगी
सुशासन स्वतन्त्र और जवाबदेह संस्थानों की मदद से
कांग्रेस महत्वपूर्ण संस्थानों को पुनर्जीवित करने का वादा करती है, जिनको पिछले 5 वर्षों के एनडीए राज में बुरी तरह से कमजोर किया गया है। कांग्रेस इन्हें संसद के प्रति जवाबदेह बनाते हुए इनकी गरिमा, अधिकार और स्वायत्तता को दोबारा बहाल करेगी। कांग्रेस प्रेस काउंसिल आफ इण्डिया एक्ट-1978 में उल्लेखित स्वनियमन प्रणाली को मजबूत करने, पत्रकारों की स्वतंत्रता की रक्षा करने, संपादकीय स्वतंत्रता को बनाये रखेगी।
चुनाव सुधार
कांग्रेस सरकार सत्ताधारी दल के पक्ष में बनाये गये संदिग्ध और अपारदर्शी चुनाव (निर्वाचक) बाॅड स्कीम को बन्द करेगी तथा ‘राष्ट्रीय चुनाव कोष’ स्थापित करने का वायदा करती है।
स्वाभिमान वंचितों का आत्मसम्मान
कांग्रेस 17 वीं, लोकसभा के पहले सत्र में और साथ ही राज्य सभा में, संविधान संशोधन विधेयक पास करवाकर, लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करेगी, हम केन्द्र सरकार के सेवा नियमों में संशोधन करके केन्द्रीय नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करेंगे।
धार्मिक तथा भाषायी अल्पसंख्यक
हम 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में और साथ ही राज्यसभा में, उन्मादी भीड़ द्वारा, आगजनी और हत्या जैसे नफरत भरे अपराधों की रोकथाम और दंडित करने के लिये नया कानून पारित करायेंगे। इस कानून में पीड़ितों को मुआवजा देने और लापरवाही के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने के प्रावधान होंगे।
दिव्यांग जन
कांग्रेस सभी कानूनों की समीक्षा करेगी और उन्हें निरस्त करेगी, जो पुराने पड़ चुके हैं, अन्यायपूर्ण हैं या अनुचित रूप से लोगों की स्वतंत्राता में बाधा पहुंचाते हैं।
स्वास्थ्य देखभाल
कांग्रेस सभी के लिये स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने का वादा करती है, जिसके तहत हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाओं, जिनमें मुफ्त डायग्नोसिस, बहिरंग (ओ.पी.डी.) रोगी देखभाल, दवाओं और सार्वजनिक अस्पतालों तथा सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के व्यापक नेटवर्क के जरिये भर्ती सुविधाओं के अधिकार की गारंटी मिलेगी। वर्ष 2023-24 तक स्वास्थ्य सुविधाओं पर कुल सरकारी खर्च को दोगुना बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत किया जायेगा।
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन
कांग्रेस भारत को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण में सबसे आगे रखने के लिये एक कार्य एजेंडे का वादा करती है।