Thursday, 18 September 2025
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130 करोड़ देशवासियों के सपनों का नया भारत

मेरे प्यारे देशवासियों,
भाजपा एक बार फिर आपके पास आई है ताकि आपका आशीर्वाद लेकर भारत की इस विकास यात्रा को अबाधित, बिना थके, बिना रूके, एक नए उत्साह और उमंग के साथ जारी रख सके।
पांच साल पहले, 26 मई 2014 को ऐतिहासिक जनादेश मिलने के बाद भारत के सर्वांगीण विकास के इस संकल्प के साथ यह यात्रा शुरू की थी।
उस समय, भारत के समक्ष कई बड़ी चुनौतियां थी-हमारी अर्थव्यवस्था बेहद खराब स्थिति मे थी तथा चारों ओर निराशा का वातावरण था। भ्रष्टाचार विकराल रूप ले चुका था। अपने नागरिकों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा कर पाने में, भारत की क्षमता पर संदेह व्यक्त किया जाता था।
लेकिन, अगर चुनौतियां बड़ी थी, तो एक सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र बनाने का हमारा संकल्प भी मजबूत था। 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति और उनके कौशल के बलबूते, अभूतपूर्व रूप से जन भागीदारी के साथ हमने अवरोधों को अवसरों में, अवनति को विकास की गति में और निराशा को आशा में बदला।
जो चीज़ें कभी नामुमकिन लगती थी, उसको हमने तेज़ गति के साथ धरातल पर उतारा। पिछले पांच वर्षों में प्रत्येक भारतीय परिवार को जन-धन योजना के कारण बैंक खाता मिला, 50 करोड़ भारतीयों को आयुष्मान भारत की बदौलत बीमारी से लड़ने का हौसला मिला और असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ से अधिक लोग अब पेंशन का लाभ ले सकते हैं।
स्वच्छ भारत अभियान ने जन आंदोलन का रूप ले लिया और पांच सालों में स्वच्छता का दायरा 38% से बढ़ कर आज 99% के करीब पहुंच गया है। मुद्रा योजना के कारण अब छोटे शहरों के युवाओं के लिए उद्यमी बनना संभव हुआ है। 5 लाख रूपये तक की आय वाले नव-मध्यम और मध्यम वर्ग के लोगों को अब आयकर से छूट मिल गई है।
हमारी सरकार ने भविष्य की सोच के साथ, तेज़ी से इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर किया है। सड़कों और रेलवे लाईनों के निर्माण की गति दोगुनी हो गई है। भारत के पास अब और भी अधिक अच्छे और आधुनिक बंदरगाह हैं। 2014 तक अंधेरे में रहने वाले 18,000 गांव अब ग्रामीण विद्युतीकरण के प्रयासों से प्रकाशमान हो गए हैं। सौभाग्य योजना के माध्यम से 2.6 करोड़ से अधिक घरों को रोशन किया गया है। पिछले पांच वर्षों में बने 1.5 करोड़ घरों ने लाखों लोगों को बड़े सपने देखने की आज़ादी दी है। पिछले पांच साल का हमारा कार्यकाल साक्षी है कि कैसे देश की विकास यात्रा एक जन आंदोलन का रूप ले सकती है।
हमारा राष्ट्र अब निर्दयी आतंकी ताकतों के सामने लाचार नहीं है। देश की शांति और एकता के माहौल को नुकसान पहुंचाने वाली हर विनाशकारी विचारधारा को करारा जवाब दिया गया है। उन्हें पहली बार सूद समेत उन्हीं की भाषा मे कड़ा जवाब मिला है।
पूर्वोतर भारत जो अब तक अलग थलग रहता था, में आज अभूतपूर्व विकास हो रहा है। पूर्वोतर आज देश की मुख्यधारा से मज़बूती के साथ जुड़ गया है।
केन्द्र सरकार ने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ एक बड़ी और निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है। सेना के गलियारों में बिचैलियों की मौजूदगी इतिहास बन चुकी है। अब फैसले कुछ चुनिन्दा लोगों के निजी स्वार्थ के बजाए सभी भारतीयों के सार्वजनिक हित से प्रेरित होकर लिए जाते हैं। जन-धन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी ने 8 लाख से अधिक फर्जी लाभार्थियों की पहचान मे सहायता की है और 1 लाख करोड़ से अधिक रूपये की चोरी को रोका है। काले धन को सफ़ेद करने से रोकने के लिए व्यवस्थाओं को मज़बूत किया गया है। भ्रष्टाचारियों में आज डर है।
आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद बढ़ा है। विदेशी निवेश में रिकार्ड वृद्धि से यह स्पष्ट है कि दूनिया भारत की अपार क्षमताओं से परिचित हुई है। आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और हवाला की रोकथाम जैसे विषयों पर भारत के रूख ने इन्हें वैश्विक मुद्दा बना दिया है।
साथियों, ‘‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’’ इस पत्र में आपको पिछले पांच सालों में जिन चुनौतियों को देश ने परास्त किया है उनके बारे में, उनसे निपटने के लिए 130 करोड़ भारतीयों द्वारा किए गए अदम्य प्रयासों के बारे में और आने वाले कल के लिए हमारे सामूहिक संकल्प की झलक मिलेगी।
पिछले पांच वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है और आगे हम विकास की गति और विस्तार को एक नया आयाम देने के लिए संकल्पित है। ऐसे दो संकल्प हैं जो मेरे ह्रदय के बेहद क़रीब है- 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना और सबको घर। मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन से यह अवश्य संभव होगा।
मैं भारत के लाखों जागरूक, प्रतिबद्ध और देशभक्त नागरिकों का धन्यवाद करता हूं, जिनके मूल्यवान सहयोग से यह ‘‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’’ पत्र तैयार हो पाया है और सही मायनों मे लोगों की आवाज़ बन पाया है।
एक मजबूत और निर्णायक सरकार के लिए 2014 में आपके वोट ने हमें पांच वर्षों की छोटी सी अवधि में पांच दशकों के वंशवादी शासन की बुराइयों को दूर करने में सक्षम बनाया। अब जब इन बुराइयों पर हम विजय पा चुके हैं, तो उस गति की कल्पना करें जिसके साथ हम आने वाले समय में काम कर सकते हैं।
अगले पांच साल अहम अहम हैं क्योंकि 2022 में हम अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनायेंगे। इस देश के महान सपूतों ने अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया ताकि हम आजादी की खुली हवा में सांस ले सकें। उनके सपनों का भारत बनाना, आज हम में से प्रत्येेक का दायित्व है।
2047 में, हमारा राष्ट्र स्वतन्त्रता के सौ साल पूरे करेगा। आइए हम सब मिल कर सोच-विचार करें कि 2047 तक हम कैसा भारत चाहते हैं। भाजपा अगले पांच वर्षों में 2047 के भारत की नींव रखने की प्रतिज्ञा करती है। आइए अब हम सब मिलकर इस संकल्प को पूरा करने में जुट जाएं।
विभिन्न राजनीतिक दलों और विचारधाराओं की कार्य संस्कृति और काम को देखने के बाद, आज भारत के लोग आश्वस्त हैं कि अगर कोई पार्टी है जो देश की समस्याओं का समाधान कर सकती है, तो वह भाजपा है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र भारत के कोने कोने तक गूंजा है। भाजपा हर भारतीय की पार्टी है। यह ऐसी पार्टी है, जो जमीनी स्तर पर 24 घंटे काम करती है। इसीलिए, हमें जो जनता का स्नेेह और समर्थन मिला है, वह ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है।
नया भारत अतीत की बेड़ियों से आज़ाद हो चुका है। आज हमारा देश बड़े सपने देखने की हिम्मत भी करता है और उन्हें पूरा करने का जज्बा भी रखता है।
आइए हम सब मिलकर एक मजबूत और सर्वसमावेसी भारत के निर्माण की दिशा में काम करें जहां हर भारतीय का सम्मान, समृद्धि, सुरक्षा और आगे बढ़ने के अवसर सुनिश्चित हों।
वन्दे मातरम!
नरेन्द्र मोदी

           किसानों औैर राष्ट्रवाद के सहारे भाजपा का संकल्प पत्र 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व ने पिछले पांच वर्षों में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर इसी नीति पर हम आगे बढ़ेंगे।
आतंकवाद पर सुरक्षा नीति
हमारी सुरक्षा नीति केवल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा विषयों द्वारा निर्देशित होगी। इसके उदाहरण हाल ही में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक है। हम आतंकवाद एवं उग्रवाद के विरूद्ध ‘‘जीरो टाॅलरेंस’’ की नीति को पूरी दृढ़ता से जारी रखेंगे और सुरक्षा बलों को आतंकवादियों का सामना करने के लिए ‘फ्री हैंड’ की नीति का अनुसरण करते रहेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा
अपने सुरक्षा बलों को सुदृढ़ बनाएंगे-हम रक्षा से जुड़े बाकी उपकरणों एवं हथियारों की खरीद तेज करगें। सुरक्षा बलों की हमला करने की क्षमता सुदृढ़ बनाने हेतु सैन्य बलों को आधुनिक उपकरण प्रदान करने के लिए हम सघन प्रयास जारी रखेंगे।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे- रक्षा उपकरणों की खरीद में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार ने पिछले पांच वर्ष में कई प्रभावी कदम उठाए हैं। हमारी सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि सबसे आधुनिक एके -203 स्वचालित राइफल्स बनाने की फैक्ट्री की नींव ‘रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया’ अभियान के अंतर्गत अमेठी में रखी गई है। हम ‘रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया’ को और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि रक्षा उपकरणों का स्वदेश में ही निर्माण हो सके। इससे रोजगार सृजन होगा और रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
सैनिकों का कल्याण
हमारी सरकार ने लंबे समय से लंबित ‘वन रैंक, वन पैंशन’ को लागू कर सेवानिवृत सैन्यकर्मियों के हितों के प्रति अपने संकल्प को प्रतिबद्धता से पूरा किया। इस संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हम अपने सेवानिवृत सैन्यकर्मियों के पुनर्वास के लिए अधिक प्रभावी ढांचा तैयार करने का वादा करते हैं। इस प्रयास के अंतर्गत सशस्त्र बल के सैनिकों के सेवानिवृत होने से तीन वर्ष पूर्व उनकी पसंद के अनुसार ही उनके पुनर्वास की योजना आरम्भ कर देंगे। इसमें कौशल प्रशिक्षण, साॅफ्ट स्किल प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा, आवास एवं उद्यम आरम्भ करने के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान शामिल होगा।
पुलिस बलों का आधुनिकीकरण
हम केन्द्रीय पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को बढ़ाते हुए उनकी कार्य क्षमता और दक्षता में वृद्धि करेंगे, जिससे वह आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना सुदृढ़ता से कर सकें।
हम राज्यों की पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए भी अपनी पुलिस आधुनिकीकरण की पुनरीक्षित योजना के अंतर्गत सहायता मुहैया कराएंगे। राज्यों में पुलिस सुधार का कार्य भी तेजी से किया जाएगा, जिससे कि वह साइबर-क्राइम जैसे नए प्रकार के अपराधों से लड़ने में सक्षम हो सकें और नागरिकों, विशेष तौर पर कमजोर एवं असहाय वर्गों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हों।
घुसपैठियों की समस्या का समाधान
घुसपैठ से कुछ क्षेत्रों की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान में भारी परिवर्तन हृआ है और स्थानीय लोगों की आजीविका तथा रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे क्षेत्रों में प्राथमिकता पर एन आर सी का कार्य किया जाएगा। देश में चरणबद्ध तरीके से चिन्हित करके इसे लागू करेंगे।
पूर्वोतर क्षेत्रों में Illegal Immigration रोकने के लिए प्रभावी प्रयत्न किए जाएंगे। इसके लिए हम देश की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करेंगे। सीमाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए तकनीक के प्रयोग (स्मार्ट फेंसिंग) का पायलट प्रोजेक्ट धुबरी (असम) में लागू किया गया था, उसको हम सभी सीमाओं पर लागू करेंगे।
सीमा सुरक्षा सुदृढ़ करेंगे
हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में विकासात्मक और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर विशेष ध्यान देंगे, जिससे कि ये क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने में और भी अधिक मजबूती से योगदान करने के साथ-साथ, अन्य क्षेत्रों के बराबर, देश की उत्तरोत्तर प्रगति से पूरी तरह और भी अधिक लाभ ले सकें।
अपने पड़ोसी देशों से व्यापार एवं यात्रियों के आवागमन में सहूलियत लाने के लिए 6 इन्टीग्रेेटेड चेक पोस्ट का निर्माण किया गया है और एक निर्माणाधीन है। हम इस कार्य को और आगे बढ़ाते हुए 2024 तक 14 और इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट का निर्माण करेंगे, ताकि हमारा पड़ोसी देशों के साथ व्यापार एवं यात्रियों के आवागमन में और अधिक सहूलियत हो सके। इनके निर्माण के बाद अनुमान है कि हमारा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के साथ व्यापार मुख्यतः इन्हीं इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के द्वारा होगा।
तटवर्ती सुरक्षा
हम राज्यों में तटवर्ती पुलिस थानों की स्थापना, समुद्री एवं तटवर्ती सुरक्षा सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय समिति की स्थापना, द्वीप सूचना प्रणाली एवं राष्ट्रीय तटवर्ती पुलिस अकादमी के लिए आधुनिक उपकरण प्रदान करने एवं धन आवंटित करने हेतु तटवर्ती सुरक्षा योजना लागू कर तटवर्ती सुरक्षा को प्रभावी रूप से सुदृढ़ बनाएंगे। इसके उपरांत हम भारत की लंबी तटसीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना जारी रखेंगे।
सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (सीएबी)
हम पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (सीएबी) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम पूर्वोत्तर राज्यों से उन वर्गों के लिए मुद्दों को स्पष्ट करने के लिए सभी प्रयास करेंगे, जिन्होंने कानून के बारे में आशंका व्यक्त की है। हम पूर्वोत्तर के लोगों की भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।
भारत के पड़ोसी देशों से आए सभी हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख और ईसाई को उन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर भारत में नागरिकता दी जाएगी।
वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला
हमने वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध बहुत सख्त कदम उठाए हैं, जिसके फलस्वरूप इन उग्रवादियों का कार्य क्षेत्रा सिमट कर रह गया है। अगले पांच वर्षों में हम इसके विरूद्ध और अधिक कारगर कदम उठाएंगे, जिससे कि अगले पांच वर्षों में इस खतरे को दूर करने में हम सफल हो सकें। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इस क्षेत्र में हमने विकास के कार्यों, जिसमें सड़क, मोबाईल फोन, स्कूल, चिकित्सा सेवा शामिल है, पांच वर्षों में बहुत प्रगति की है। हम इस कार्य को और ज्यादा गति से चलाएंगे ताकि ये पिछड़े क्षेत्र भी इन सुविधाओं के लाभ से आगे आ सकें।
जम्मू-कश्मीर-धारा 370
पिछले पांच वर्षों में हमने निर्णायक कारवाई और एक दृढ़ नीति के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए हैं। राज्य के सभी क्षेत्रों के विकास में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और राज्य के हर क्षेत्र के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हम जनसंघ के समय से अनुच्छेद 370 के बारे में अपने दृष्टिकोण को दोहराते हैं।
हम धारा 35 A को भी ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि धारा 35 A जम्मू कश्मीर के गैर-स्थायी निवासियों और महिला के खिलाफ़ भेदभावपूर्ण है। यह धारा जम्मू कश्मीर के विकास में भी बाधा है। राज्य के सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए हम सभी कदम उठाएंगे। हम कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे और हम पश्चिमी पाकिस्तान, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और छंब से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।
किसानों की आय दोगुनी भाजपा सरकार के वर्तमान कार्यकाल के प्रारंभ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने को मिशन के रूप में लिया। हम इस लक्ष्य को 2022 तक पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेंगेे।
किसान कल्याण नीति
सभी के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना-हमने 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों के लिए आय सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ आरम्भ की है। हम इस योजना का दायरा बढ़ाकर इसे देश के सभी किसानों के लिए लागू करेंगे।
छोटे और सीमांत किसानों के लिए पैंशन-हम देश में सभी छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन की योजना आरम्भ करेंगेे, जिससे कि 60 वर्ष की आयु के बाद उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
कृषि-ग्रामीण क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रूपये का निवेश-हम कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 25 लाख करोड़ रूपए का निवेश करने को प्रतिबद्ध है।
ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड ऋण - हम 1 से 5 वर्ष के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपए तक के नए अत्पावधि कृषि ऋण मूल राशि के समय पर भुगतान की शर्त पर प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में स्वैच्छिक पंजीकरण-’प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ ने सुनिश्चित किया है कि किसानों के लिए जोखिम कम हो और उन्हें बीमा की सुरक्षा मिले। हम इस योजना के तहत किसानों के स्वैच्छिक पंजीकरण का प्रावधान करेंगे।
नीतियों के जरिए किसानों का सशक्तिकरण-हम कृषि आयात में कमी लाने और अनुमान-योग्य कृषि निर्यात एवं आयात नीति बनाने की दिशा में काम करेंगे, जिसमें कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने तथा आयात को कम करने की एकीकृत व्यवस्था होगी।
गुणवत्तापूर्ण बीजों का वायदा-हम यह सनिश्चित करेंगे कि संभावनायुक्त किस्मों के बेहतर बीज किफायती दरों पर किसानों को समय से उपलब्ध हों और घर के पास ही उनकी जांच की सुविधा उपलब्ध हो।
कृषि सहयोगी क्षेत्रों का विकास
तिलहन मिशन-हम तिलहन और अन्य कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से एक नया मिशन आरम्भ करेंगे।
देश भर में वेयरहाउस नेटवर्क-हम एक कुशल कृषि मूल्य श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत भंडारण और लाॅजिस्टिक्स नेटवर्क बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
किसानों की आय बढ़ाने के उपाय के रूप में भंडारण पर हमारा ध्यान हमारी प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना से रेखांकित होता है। देश में भंडारण के आधारभूत ढांचे को और विस्तृत करने के लिए हम राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे राष्ट्रीय वेयरहाउसिंग ग्रिड स्थापित करेंगेे, ताकि कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए जरूरी लाॅजिस्टिक सुविधाएं सुनिश्चित हो सकें।
किसानों को अपनी उपज का भंडारण अपने गांव के निकट करने तथा उचित समय पर उसे लाभकारी मूल्य पर बेचने के लिए समक्ष करने के उद्देश्य से हम कृषि उत्पादों के लिए नई ‘ग्राम भंडारण योजना’ आरम्भ करेंगे। हम कृषि उत्पादों की भंडारण रसीद के आधार पर किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराएंगे।
जैविक खेती को बढ़ावा -जैविक खेती को अधिक-से -अधिक बढ़ावा देने और जैविक खेती को लाभप्रद बनाने के लिए, हम कदम उठाएंगेः
हम अगले पांच वर्षों में पहाड़ी, आदिवासी एवं वर्षों-सिंचित क्षेत्रों में 20 लाख हेक्टेेयर अतिरिक्त भूमि पर रसायन मुक्त जैविक खेती को प्रोत्साहित करेंगे।
हम उपभोक्ताओं के दरवाजे तक जैविक उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक समर्पित ई-काॅमर्स पोर्टल शुरू करेंगे।
देश में गोशालाओं को जैविक खेती के प्रोत्साहन के साथ जोड़ा जाएगा।
हम जैविक खेती वाले क्षेत्र के आसपास जैविक ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देंगे जिससे किसानों के लिए अतिरिक्त आय भी सुनिश्चित हो सके।
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन
किसानों के लिए अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने के लिए हम ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन’ का आरम्भ करेंगे। हम बुनियादी ढांचागत सुविधाएं विकसित कर तथा विपणन के लिए सहायता उपलब्ध कराकर, शहद उत्पादन को 1,15,000 एम.टी. के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर दोगुना करेंगे।
सिंचाई का मिशन मोड पर विस्तार
हमने काफ़ी समय से लंबित 31 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के अंतर्गत प्राथमिकता से पूरा कर लिया है और शेष 68 परियोजनाओं का काम दिसंबर, 2019 तक चरणों में पूरा कर लिया जाएगा। सिंचाई के विकास के अपने प्रयास जारी रखते हुए हम प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का और भी विस्तार करेंगे ताकि समयबद्ध तरीके से देश की 100 प्रतिशत सिंचाई क्षमता का उपयोग हो सके।
हम एक करोड़ हक्टेयर कृषि भूमि को सूक्ष्म-सिंचाई के अंतर्गत लाएंगे। इसके साथ ही उर्वरकों के उचित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘फर्टिगेशन’ का सहारा लिया जाएगा।
कोआपरेटिव
हम मानते हैं कि सहकारी संस्थाएं और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) कृषि क्षेत्र में बाजार तक बेहतर पहुंच एवं अवसर सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हम उनकी सहायता करने और उन्हें सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हम संसाधनों और बाजार तक किसानों की पहुंच बढ़ाने हेतु वर्ष 2022 तक 10,000 नए ‘किसान उत्पादक संगठनों’ के गठन में सहायता करेंगे।
बड़े शहरों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए, हम किसानों के सहकारी संगठनों के जरिए सब्जियों, फलों, दूध एवं मत्स्य उत्पादों की सीधी मार्केटिंग प्रणाली स्थापित करेंगे ताकि किसानों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके।
कृषि और प्रौद्योगिकी का मेल
हम किराए पर कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुगम करने के लिए मोबाईल पर आधारित प्रणाली तैयार करेंगे।
हम किसानों के लिए विभिन्न कृषि उत्पादों के बाजार मूल्यों की बेहतर जानकारी सुनिश्चित करने हेतु तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देंगे।
हम युवा कृषि वैज्ञानिकों के विकास पर विशेष ध्यान देंगे ताकि सटीक अनुमान वाली एवं अधिक लाभदायक खेती के लिए आर्टिफिशियल इटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लाॅकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स आदि का लाभ उठाया जा सके।
हम सौर ऊर्जा को किसानों के लिए आय के अतिरिक्त स्त्रोत की तरह देखते हैं और इसीलिए हम बड़े स्तर पर सौर फार्मिंग को बढ़ावा देंगे ताकि ‘अन्नदाता’ ‘ऊर्जादाता’ भी बन सके।
भूमि रिकाॅर्ड का डिजिटलीकरण -आधार परियोजना की तर्ज पर हम मिशन मोड पर भूमि रिकाॅर्ड का डिजिटलीकरण पूरा करेंगे। हम दूसरी पीढ़ी के भूमि सुधार लागू करेंगे ताकि भूमिधारकों को मालिकाना हक की गारटी मिले और जमीन से जुड़े मुकदमे कम हो सकें। हम (राज्यों के साथ सलाह कर) निश्चित स्वामित्व अधिकार का आदर्श कानून तैयार करेंगे जिसके माध्यम से भूस्वामित्व की सुनिश्चितता और बीमा को बढ़ावा मिले। इसे लागू करने के लिए हम राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे।
पशुपालन- हमने डेयरी उद्योग को विशेष महत्व दिया है और गायों की देसी नस्लों के संरक्षण हेतु कामधेनु आयोग स्थापित किया है। हम किसानों को घर के नजदीक सेवा प्रदान करने के लिए मोबाइल पशु चिकित्सालयों का नेटवर्क स्थापित करेंगे।
हम समय-समय पर सभी मवेशियों और अन्य पालतू जानवरों के स्वास्थ्य जांच के लिए जिला स्तर पर एक आदर्श कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे। इसमें सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र से पशु चिकित्सकों की मदद ली जाएगी।
हम पशु टीकाकरण को और व्यापक बनाएंगे और खुरपका और मुंहपका तथा ब्रुसेलोसिस रोग का संपूर्ण उन्मूलन करेंगे। हम चारे की कमी दूर करने के लिए ‘राष्ट्रीय चारा एवं पशुआहार मिशन’ आरम्भ करेंगे।
नीली क्रांति
हम छोटे एवं पारपंरिक मछुआरों की सुविधा के लिए आइस-बाॅक्स, कोल्डस्टोरेज, आइस-प्लांट जैसे भंडारण एवं मार्केटिंग के साधनों और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 10,000 करोड़ रूपए के आवंटन के साथ ‘मठ संपदा योजना’ आरम्भ करेंगे।
हम जल कृषि (एक्वा कल्चर) को बढ़ावा देने के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध कराएंगे।
हम समुद्री वनस्पतियों और मोती की खेती एवं सजावटी मछलियों के पालन को बढ़ावा देंगे ताकि मछुआरों की आय में बढ़ोतरी हो सके। हम सभी मछुआरों को हर तरह के कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाएंगे और अतिरिक्त दुर्घटना बीमा कवर का लाभ भी प्रदान करेंगे।

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