Friday, 19 September 2025
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वीरभद्र मनी लाॅंडरिंग प्रकरण में 23 सितम्बर को रिव्यू होगा अटैचमैन्ट आॅर्डर

शिमला/शैल। वीरभद्र के खिलाफ चल रही मनीलाॅडरिंग प्रकरण की जांच में ईडी ने 23 मार्च को करीब आठ करोड़ की चल-अचल संपति का अटैचमैन्ट आर्डर जारी किया था। यह आर्डर प्रोविजनल था और मनीलाॅडंिरग अधिनियम के मुताबिक यह 180 दिन के बाद रिव्यू होना तय है। 180 दिन 23 सितम्बर को पुरे हो जाते हैं। इस आर्डर को वीरभद्र के बच्चों अपराजिता और विक्रमादित्या ने चुनौती दी थी लेकिन अदालत ने उन्हे क्राईम प्रोसीडज का लाभार्थी मानकर आदेश को निरस्त नही किया था। 23 मार्च के आदेश में यह कहा गया है कि इस प्रकरण में वक्कामुल्ला चन्द्र शेखर प्रंसग में अभी जांच चल रही है।
इसी प्रकरण में ईडी ने वीरभद्र के एलआईसी ऐजैन्ट आनन्द चौहान को गिरफ्तार किया था। अदालत से उन्हें जमानत नही मिल पायी है। बल्कि जमानत के आग्रह मामला बनता है। इसके बाद ईडी ने गिरफ्तारी के 59 दिन बाद आनन्द चैहान के खिलाफ अदालत में चालान दायर कर दिया। यदि 60 दिन के भीतर यह चालान दायर न किया जाता तो 60 दिन के बाद चैहान की जमानत के लिये एक पुख्ता आधार खड़ा हो जाता। इस चालान में भी यह कहा गया है कि अभी जांच पूरी नही हुई है और इसमें शीघ्र ही अनुपूरक चालान दायर किया जायेगा।
अब 180 दिन के बाद 23 मार्च का अटैचमैन्ट आर्डर रिव्यू होना है उस दिन तय होगा कि इस आर्डर को स्थायी करने और इसमें जब्ती की अगली कारवाई को करने के पुख्ता आधार है या नही। कानून के जानकारोें के मुताबिक इन आधारों के लिये ईडी को अपनी जांच पूरी करके यह आधार अदालत के सामने रखने होंगे अन्यथा इस अटैचमैन्ट आर्डर को आगे जारी रखना बहुत संभव नहीं होगा। जांच पूरी ने होने नर अपराजिता और विक्रमादित्य की याचिका को भी आधार मिल जायेगा।
अभी इस प्रकरण में प्रतिभा सिंह और चन्द्र शेखर से ही अगली पूछताछ हो पायी है। अन्यो से पूछताछ होना बाकी है। ईडी सूत्रों के मुताबिक प्रतिभा सिंह से जिस तरह के प्रश्न जांच में पूछे गये है उससे जांच का दायरा बढ़ने की संभावना है। उनके पंजाब विश्वविद्यालय में अध्ययन से लेकर रामपुर क्षेत्रा के किसी दलिप चौधरी तथा रंजना मामले और परिवार की निकटस्थ रिश्तेदारी में कभी हुई आत्महत्या तक की जानकारी जुटाने और एक एन आर आई के माध्यम से हुए निवेश को लेकर पूछताछ होने तथा कामरू मर्ति चोरी प्रकरण को लेकर भी सवाल पूछा गया। सूत्रों के दावे को सही माना जाये तो स्थिति के और गंभीर होने की संभावना है ऐसे में 23 सितम्बर के रिव्यू में क्या घटता है उस पर सबकी निगाहें लगी है।

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