Thursday, 18 September 2025
Blue Red Green
Home देश यदि 35 मेगावाट का प्रोजेक्ट 144 करोड़ में तो 32 मेगावाट का 220 करोड़ में क्यों लगा-विक्रम

ShareThis for Joomla!

यदि 35 मेगावाट का प्रोजेक्ट 144 करोड़ में तो 32 मेगावाट का 220 करोड़ में क्यों लगा-विक्रम

शिमला/शैल। हिमाचल प्रदेश में अब एक और बड़ा घोटाला सामने आया है-ग्रीन एनर्जी घोटाला। इस घोटाले के तार हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन से जुड़े हुये हैं। पूर्व मंत्री और भाजपा नेता विक्रम ठाकुर ने इस घोटाले के बारे में खुलासा किया है। ठाकुर ने बताया कि इस मुद्दे पर कई ‘लेटर बम’ पहले भी सामने आये हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कारवाई नहीं हुई है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 अप्रैल 2024 को ऊना जिले के पेखुवेला में 32 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट का उद्घाटन किया था, जिसकी कुल लागत 220 करोड़ रुपये बताई गई थी। विक्रम ठाकुर ने इसे लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, इसी तरह का 35 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट गुजरात में मात्र 144 करोड़ रुपये में पूरा हो गया, जबकि हिमाचल में 3 मेगावाट कम का प्रोजेक्ट 76 करोड़ रुपये अधिक में लगाया गया। यह भारी अन्तर दर्शाता है कि इस प्रोजेक्ट में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं।
विक्रम ठाकुर ने कहा कि पेखुवेला प्लांट को गलत साइट पर लगाया गया, जिसके कारण भारी बारिश के बाद से यह प्लांट केवल 50ः क्षमता पर ही चल पा रहा है। इतना ही नहीं, प्लांट की ऑपरेशन और मेंटेनेंस की अवधि 8 वर्षों की रखी गई है, जबकि गुजरात के प्रोजेक्ट में यही सेवा 10 वर्षों के लिए दी जा रही है। यह साफ तौर पर दिखाता है कि प्रोजेक्ट में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं हुई हैं।
विक्रम ठाकुर ने बताया कि सरकार ने ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए वर्ल्ड बैंक से 500 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिससे 5 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स लगाये जा सकते थे। लेकिन, यह पूरी राशि केवल ऊना के एक ही प्रोजेक्ट में लगा दी गई, जो वित्तीय दुरुपयोग का स्पष्ट संकेत है।
पेखुवेला प्लांट की प्रति मेगावाट लागत 6.84 करोड़ रुपये आई है, जो अन्य राज्यों की तुलना में बेहद ज्यादा है। जबकि अन्य राज्यों में सौर ऊर्जा का प्रोजेक्ट 4.11 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट में पूरा होता है। हिमाचल प्रदेश में यह प्रोजेक्ट सबसे महंगे प्रोजेक्ट्स में से एक है।
चंबा जिले के पांच हाइडल प्रोजेक्ट्स में देरी के कारण वर्ल्ड बैंक ने राज्य पर 5 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है। ठाकुर ने कहा कि एक अधिकारी ने जानबूझकर पावर परचेज एग्रीमेंट्स पर हस्ताक्षर नहीं किए, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। इसके अलावा, देवीकोठी, हेल, साईकोठी और साईकोठी-2 जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स अभी तक पूरे नहीं हुए हैं, जिससे राज्य को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
ठाकुर ने कांगड़ा एयरपोर्ट को लेकर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार केवल दिखावा कर रही है और कांगड़ा की अनदेखी हो रही है।

Add comment


Security code
Refresh

Facebook



  Search