शिमला/शैल। अन्तिम चरण का मतदान पूर्ण होने के बाद एग्जिट पोल के परिणाम आने शुरू हो गये हैं। इन परिणामों में एक न्यूज़ चैनल के एंकर ने दावा किया है कि कांग्रेस हिमाचल में चारों लोकसभा सीटें हार रही हैं और एक माह के भीतर प्रदेश सरकार गिर जायेगी। हिमाचल में लोकसभा के साथ ही विधानसभा के लिये भी छः उपचुनाव हुये हैं। इस समय विधानसभा में आंकड़ों के हिसाब से कांग्रेस की संख्या 34 है और भाजपा की 25 है। तीन निर्दलीयों के त्यागपत्रों का मामला अभी लंबित चल रहा है। संभव है कि उनके बारे में जल्द ही फैसला आ जायेगा और दल बदल कानून के तहत निष्कासित हो जायेंगे। ऐसे में यदि छः उपचुनावों के परिणाम भाजपा के पक्ष में आ जाये तो भी भाजपा की संख्या 31 होगी और कांग्रेस की 34 और इस संख्या बल पर सरकार को इस समय कोई खतरा नहीं है। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री में अपनी चुनावी सभा में सरकार को लेकर टिप्पणियां की है उससे अवश्य यह संकेत उभरे हैं कि यदि केंद्र में भाजपा की सरकार बनती है तो आने वाले दिनों में कुछ भी अप्रत्याशित देखने को मिल सकता है। क्योंकि हिमाचल से ही ताल्लुक रखने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आपदा राहत को लेकर एक चुनावी जनसभा में अवश्य कहा है कि वह इसमें सरकार से पूरा-पूरा हिसाब लेंगे।
इस चुनाव प्रचार में राज्य सरकार के नेतृत्व का केन्द्र के खिलाफ एक ही बड़ा आरोप रहा है कि केन्द्र ने हिमाचल की कोई सहायता नहीं की है। भाजपा इसका जवाब देती रही है कि प्रदेश सरकार ने आपदा राहत आवंटन में घोटाला किया है। अब इस आपदा राहत को लेकर दो लोगों ने सूचनाओं मांगी है। एक में जवाब मिला है कि केन्द्र से आपदा राहत में 1235.65 करोड़ मिला है और प्रदेश सरकार 2,27,75,00,000/- मिला है और आपदा राहत प्रकोष्ठ में 1,56,33,66,683/- शेष बचे हैं। यह जानकारी 29-4-2024 को दी गयी है। दूसरे आवेदन में सात बिन्दुओं पर सूचना मांगी गयी है जो अभी प्राप्त नहीं हुई है। स्मरणीय है कि आपदा में प्रदेश के कर्मचारी पैन्शनरों, मंत्रियों, विधायको, सांसदों, अध्यक्षों आदि से भी योगदान लिया गया था। फिर कई राज्य सरकारों ने भी योगदान दिया है इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने 4800 करोड़ का राहत पैकेज दिया है। इस सब पर जानकारी मांगी गयी है। नड्डा के ब्यान के साथ इस जानकारी मांगने को देखा जा रहा है। इससे यह आशंका पुख्ता हो जाती है कि चुनाव परिणामों के बाद भाजपा सरकार को अस्थिर करने का प्रयास अवश्य करेगी।
इसी तरह चुनाव प्रचार के अन्तिम दिनों में हमीरपुर से एक वीडियो वायरल होकर लोगों तक पहुंचा है। इसमें हमीरपुर के एक बड़े कारोबारी के साथ सरकार के एक प्रभावशाली व्यक्ति के वार्तालाप की रिकॉर्डिंग है। इसमें कांगड़ा बैंक से 15 करोड़ के कर्ज को माफ करवाने के लिए 50 लाख मांगे जा रहे हैं। 18 लाख मिल चुके होने को स्वीकार भी किया जा रहा है। यह वायरल वीडियो प्रदेश के हर कोने तक पहुंचा हुआ होने का दावा किया जा रहा है। इस वीडियो पर किसी की कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आयी है न ही इस वीडियो की प्रामाणिकता पर कोई सवाल उठाये गये हैं। चुनाव के अन्तिम दिनों में इस तरह की वीडियो वायरल होना निश्चित रूप से सरकार और कांग्रेस की चुनावी सेहत के लिये नुकसानदेह माना जा रहा है। भाजपा के कई नेताओं की साइट पर यह वीडियो देखा गया है। निश्चित रूप से इस वीडियो के सामने कांग्रेस के बगियों पर बिकाऊ विधायक होने का फतवा नहीं ठहर पाता है। इसी के साथ सुधीर शर्मा के आरोप आने वाली स्थितियों को बहुत गंभीर बना देते हैं। इसी परिदृश्य में यदि कांग्रेस का बड़ा चुनावी नुकसान हो जाये तो कोई हैरानी नहीं होगी।