ब्रिटेन की गर्भवती महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया। समाचार पत्र ‘डेली मेल’ के मुताबिक शोधकर्ताओं ने देखा कि गर्भावस्था के दौरान किसी प्रियजन की मौत या अलगाव या फिर अन्य तरह के तनावों से गुजरने वाली महिलाओं के बच्चों के चार साल की उम्र में पहुंचने तक वे बीमार हो जाते हैं।
लंदन के किंग्स कॉलेज के इंस्टीट्यूट ऑफ साइकैट्री के शोधकर्ताओं के मुताबिक यह बहुत महत्वपूर्ण है कि तनाव के समय में गर्भवती महिलाओं के साथ सहयोग किया जाए। यह देखा गया कि गर्भावस्था के दौरान तनाव और बच्चों के बीमार पडऩे के बीच महत्वपूर्ण सम्बंध है।
गर्भावस्था के दौरान दो गम्भीर तनाव आपके बच्चे में बीमारी का खतरा पांच गुना तक बढ़ा देते हैं। करीब 150 गर्भवती महिलाओं पर किए गए इस अध्ययन के दौरान उनसे उनकी गर्भावस्था की एकदम शुरुआत में और फिर उनके बच्चे को जन्म देने से कुछ सप्ताह पहले उनसे उनके तनाव के विषय में पूछा गया।
महिलाओं से परिवार में किसी प्रियजन की मौत, अलगाव, अचानक बेरोजगारी और गर्भावस्था के दौरान परेशानी व तनाव के कई अन्य कारणों के विषय में पूछा गया। बच्चों के जन्म के चार साल बाद इन महिलाओं से दोबारा सम्पर्क किया गया।
उनसे उनके बच्चों के स्वास्थ्य के विषय में पूछा गया और यह पूछा गया कि क्या बच्चों को कोई ऐसी बीमारी हुई जिसकी वजह से उन्हें डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा हो या अस्पताल में भर्ती करना पड़ा हो। अध्ययन में गर्भावस्था के दौरान तनाव व बच्चों के बीच सीधा सम्पर्क देखा गया।
जिन बच्चों की माताएं गर्भावस्था के दौरान तनाव में रहीं, उनमें अस्थमा या पेट में कीड़े जैसे संक्रमण की बीमारियां देखी गईं।