टुकडे़-टुकड़े गैंग जब सरकार के रिकार्ड पर नही तो क्या भाजपा की खोज है यह
शिमला/शैल। प्रदेश के उपचुनावों के लिये कांग्रेस हाईकमान द्वारा नियुक्त किये गये स्टार प्रचारकों पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चंन्नी, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और डा. कन्हैया के खिलाफ प्रदेश भाजपा ने करारा हमला बोला है। चरणजीत सिंह चन्नी को महिलाओं के प्रति बुरे आचरण वाला तथा सिद्धू और कन्हैया कुमार को देशद्रोही करार दिया है। सिद्धू के खिलाफ आरोप है कि उन्हांने एक समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाया था और कन्हैया कुमार ने जे.एन.यू. में देश के खिलाफ नारे लगाये थे। वह टुकडे-टुकडे गैंग के सदस्य हैं। यह आरोप अपने में बहुत गंभीर हैं और यदि सही में ऐसा है तो इसका संज्ञान लिया जाना चाहिये। यदि यह आरोप केवल राजनीति से प्रेरित और चरित्र हनन की नीयत से लगाये गये हैं तो ऐसे प्रयासों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ यह आरोप पंजाब में कैप्टन अमरेंन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने और चन्नी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद सामने आये हैं। चन्नी पिछली सरकार के समय नेता प्रतिपक्ष रहे हैं लम्बे अरसे से विधायक हैं लेकिन तब कोई आरोप किसी द्वारा भी नहीं लगाया गया। सिद्धू तो अमरेन्द्र मंत्रीमण्डल में ही मंत्री थे। तब भी उनके रिश्ते पाकिस्तान के इमरान खान और बाजवा के साथ वैसे ही थे जैसे आज हैं। परंतु तब अमरेन्द्र को मुख्यमंत्री रहते इन रिश्तों से कोई आपति नहीं थी। वैसे तो अमरेंन्द्र सिंह के भी पाकिस्तान में मित्र हैं लेकिन उन पर किसी ने भी कोई आरोप नहीं लगाया। इस नाते क्या चन्नी और सिद्धू पर उठते इन सवालों का पहला जवाब अमरेन्द्र सिंह से ही नहीं पुछा जाना चाहिये। इसी तरह कन्हैया कुमार पर लगने वाले टुकडे- टुकडे गैंग का सदस्य होने के आरोप का झूठ तब उजागर हो गया था जब संसद में आये एक सवाल के जवाब में सरकार ने यह कहा है कि उसके पास टुकडे-टुकडे गैंग होने को लेकर कोई जानकारी नहीं है। जब गैंग को लेकर ही सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है तो फिर गैंग के साथ देश के खिलाफ नारे लगाने की बात स्वतः ही खारिज हो जाती है।
भाजपा की इस तरह की प्रतिक्रियाओं से वह सारे सवाल एक बार फिर जबाव मांगेंगे कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी नवाज शरीफ की बेटी की शादी में बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कैसे शामिल हो गये थे। हाफिज सैयद से मिलने के फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो चुके हैं लेकिन उनका कोई खण्डन/स्पष्टीकरण आज तक नही आया है।
यही नही दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रही याचिका की सुनवाई में कोर्ट की यह टिप्पणी की ‘‘यह दंगे प्रायोजित थे’’ से राजनीतिक और प्रशासनिक हल्कों में तूफान खड़ा हो गया है। इस पर फैसला सुरक्षित है और उन सारे राजनीतिक चेहरों पर उंगलियां उठनी शुरू हो गयी हैं जो इस दौरान विवादित रहे हैं। राजनीतिक विश्लेष्कों का मानना है कि जब भाजपा ने कांग्रेस के स्टार प्रचारकों पर इस तरह से हमला किया है तो स्वभाविक है कि कांग्रेस भी प्रत्युत्तर में दिल्ली दगों के विवादित चेहरों पर निशाना साधेगी। क्योंकि इन्ही दंगों में प्रदेश से केन्द्र में एक मात्र मन्त्री अनुराग ठाकुर का नाम चर्चा में रह चुका है और वह प्रदेश भाजपा के चुनाव प्रचारकों की सूची में एक बड़ा नाम है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दोनों दलों में रोचक बहस देखने को मिलेगी।