देश में रैंकिंग को सुधारने के लिए हिमाचल को कई सुधार लाने होंगेःसंजय खुराना

Created on Tuesday, 03 May 2016 09:33
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। राज्य सरकार एक प्रगतिशील कारोबारी माहौल बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है। औद्योगीकरण ने पिछले कुछ वर्षो में राज्य में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हिमाचल प्रदेश सामाजिक समावेश, नगण्य हड़तालों और श्रम असंतोष के साथ प्रभावी ढंग से संतुलित आर्थिक विकास के लिए जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 82.8 फीसदी है, जो 74 फीसदी के राष्ट्रीय औसत की तुलना में ज्यादा है। यह साक्षरता दर संकेत देती है कि राज्य में शिक्षित और योग्य मानव संसाधन का एक बड़ा आधार उपलब्ध है। हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण और प्रदूषण के लिए व्यापक और निर्बाध आॅनलाईन समाधान है।
इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में अवाॅर्ड विनिंग ई गवर्नेंस, डाक ट्रैकिंग सिस्टम, हरेक को आधार लागू करना, ईपीडीएस, लोक मित्रा केेंद्र आदि हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा आबकारी और कराधान और श्रम से संबंधित सेवाओं का डिजिटाइजेशन किया गया है, जिसके लिए एक व्यापक आॅनलाईन प्रणाली डवलेप की गई है जो कि एक क्रांतिकारी परिवर्तन है।
हिमाचल प्रदेश में व्यवसाय शुरू करने के लिए ज्यादा चैलेंज नहीं है। हिमाचल प्रदेश के जिन क्षेत्रों में सुधारों की आवश्यकता है उसमें संपत्ति पंजीकरण है। धारा 118 के तहत एक अलग भूमि उपयोग परिवर्तन योजना को दोबारा से तैयार करना आवश्यक है। यह व्यापार को फास्ट ट्रैक करने और बाधा रहित करने में अहम हो सकता है। जिन एमएसएमई के पास पांच बीघा जमीन है उनके लिए इसका फार्मूलेशन किया जाना चाहिए। जिससे वह बाधा रहित और फास्ट ट्रैक व्यापार किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश में एक सिंगल विंडो क्लीयरेंस एजेंसी है। लेकिन जिस तेजी के साथ यहां निवेश बढ़ रहा है उससे एमएसएमई के लिए समयब( क्लीयरेंस के लिए अलग से एसडब्लूसीए बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश द्वारा डिपार्टमेंट आॅफ इंडस्ट्री का एक अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए, इसके साथ ही एक नोडल अधिकारी होना चाहिए जो कि संबंधित विभागों के बीच इंडस्ट्री का तालमेल करवा सके।
सरकार को बद्दी-बरोटीवाला- नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्रा, परवाणू, काला अम्ब, आदि के रूप में पहले से ही मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार करने की जरूरत है। सड़कों और बुनियादी सुविधाओं की खराब हालत के कारण, निवेशकों वहाँ औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने में गुरेज करते हैं। राज्य को प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग जो प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों और पर्यटन स्थल सड़कों कनेक्ट करते हैं, को चार लेन का करने की जरूरत है। सरकार को रेलवे के माध्यम से बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ कनेक्ट करने के लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय के साथ तालमेल करना चाहिए।
श्रम निरीक्षक, कारखाना निरीक्षक, ईएसआई इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर कल्याण आदि द्वारा किसी भी व्यवसाय या फैक्ट्री का एक से ज्यादा बार निरीक्षण करने से कारोबार हतोत्साहित होता है। इसके बजाय एक अच्छी तरह से समन्वित निरीक्षण किया जाना चाहिए। जो कि कई एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सौ से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों को स्व-प्रमाणन की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एमएसएमई रीढ़ की हड्डी हैं, यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इसलिए राज्य में एक अलग एमएसएमई नीति बनाई जानी चाहिए। राज्य को एमएसएमई के लिए एक अलग से नीति बनानी चाहिए। क्षेत्रा में 2.87 लाख उद्यम 4.68 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। इससे राज्य का समग्र विकास होगा और राज्य के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी इसके साथ ही एक स्वस्थ व्यापार का माहौल मिलेगा।
एक स्वस्थ व्यापार माहौल के लिए श्रम कानून का सरलीकरण महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने इस संबंध में कदम उठाए हैं, लेकिन इसे और अधिक अच्छे ढंग से किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में आसानी से कारोबार करने को बढ़ावा देने की जरूरत है। सीआईआई ने श्रम कानून सुधारों पर अपने सुझाव दिए है, सीआईआई को आशा है कि इसपर उदारता से विचार किया जाएगा।
परिवहन एक अहम मुद्दा है जो हिमाचल प्रदेश में कारोबार को आसान करने में बाधा है। हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियन द्वारा चलाया जा रहा परिवहन है। इसके अतिरिक्त परिवहन का कोई वैकल्पिक साधन नहीं है। वैकल्पिक साधनों की कमी की वजह से यह यूनियन काफी महंगा चार्ज करती हैं और इंडस्ट्री के सदस्यो को इससे परेशानी होती है। कई उद्योगों के लिए ट्रक ड्राइवरों की यूनियन की मोनोपोली एक चुनौती बन गई है।
राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार को पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए। मसलन, आईटी, फूड प्रोसेसिंग आदि के साथ खाद्य प्रसंस्करण में पारिस्थितिकी और भूवैज्ञानिक सद्भाव है। ऐसे क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्यमी को ज्यादा लाभ होगा।