कुल्लू के थप्पड़ कांड के बावजूद फोरलेन मुआवजे का मुद्दा अभी तक लंबित क्यों

Created on Monday, 30 May 2022 11:27
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। इस समय हिमाचल के आठ जिलों में फोरलेन का काम चला हुआ है। इस काम में इन जिलों के लोगों की जमीने और मकान आदि फोरलेन में आ रहे हैं। सरकार इनका अधिग्रहण करके प्रभावित लोगों को मुआवजा भी दे रही है। लेकिन यह मुआवजा सर्किल रेट का सिर्फ दो गुना दिया जा रहा है जबकि यह चार’ गुणा दिया जाना चाहिये। कांग्रेस शासन के दौरान जब भाजपा विपक्ष में थी तब सदन में इसको लेकर बहुत हंगामा हुआ था। विधानसभा की कारवाई प्रभावित हुई थी। कुल्लू-मनाली-बिलासपुर फोरलेन पर तो इसके प्रभावितों ने बाकायदा इसके लिये संघर्ष कमेटी का गठन कर लिया था। ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर इसमें अग्रणी भूमिका में थे। शिमला के प्रैस क्लब में एक पत्रकार वार्ता में सरकार को कड़ी चेतावनी दी गयी थी। जब ब्रिगेडियर खुशाल सिंह मंडी लोक सभा उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी बने तब इसी मुद्दे पर उनकी अस्पष्टता चुनाव में भारी पड़ी। इसी फोरलेन प्रकरण पर कुल्लू में नितिन गडकरी के आगमन पर पुलसियों में थप्पड़ कांड तक घट चुका है।
लेकिन इस थप्पड़ कांड के बाद भी आज तक यह मुद्दा अपनी जगह खड़ा है। अब एक संस्था निष्ठा ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस संस्था का एक प्रतिनिधिमंडल ई संजीव सुन्टा की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से भी मिला है। मुख्यमंत्री को पत्र सौंपकर फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा देने की मांग की गयी है। अब जब सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री शिमला आ रहे हैं तब यह मांग उनके ध्यान में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। चुनावी वर्ष में यह मांग बहुत प्रभावी भूमिका निभायेगी क्योंकि प्रदेश के आठ जिले इससे प्रभावित हैं।