शिमला/शैल। जब भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा ध्वजवाहक संरक्षक होने का दावा करने वाली सरकार ही ग्रेट खली के उस आयोजन की आयेजक होने का प्रयास करे जिसे स्वयं सिने जगत की आईटम गर्ल राखी सावंत के अश्लील डांस के सहारे प्रमोट करने की जरूरत पड़े तो ऐसे आयोजन पर संघ का संज्ञान लेना आवश्यक हो जाता है। इस आयोजन को लेकर सोशल मीडिया में भी कुछ समय से प्रश्नात्मक प्रतिक्रियाएं उभर रही थी। छोटी काशी के नाम से पहचाने जाने वाले नगर मण्डी में हो रहे इस आयोजन को भारतीय संस्कृति के मानकों के विपरीत करार देते हुए इसे अश्लीलता और भद्देपन की संज्ञा दी गयी है। संघ ने महिलाओं के पहरावे में भी आते जा रहे नंगेपन को कभी स्वीकृति नही दी है। इस बारे में संघ भाजपा के कई नेताओं के ब्यानों पर विवाद भी उभरे हैं। भारतीय संस्कृति के मानकों पर जब वैलेनटाइन डे तक का विरोध किया जाता है और लैला मजनू चलन को रोकने के लिये विशेष दस्ते बनाए गये हैं तो वहां पर इन्ही का एक वर्ग अश्लील डांस की स्वीकृति दे तो ऐसे विरोधाभास पर संघ नेतृत्व द्वारा संज्ञान लिया जाना स्वभाविक है। इस अश्लील डांस पर सोशल मीडिया में उभरी प्रतिक्रियाओं को संघ के एक बड़े पदाधिकारी ने मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहार त्रिलोक जम्वाल से एक पोस्ट शेयर करते हुए अपनी चिन्ता जता दी है।
खली द्वारा आयोजित किया जा रहा रेसलिंग शो खेलों की अधिकारिक सूची में नही आता है। प्रदेश के खेल विभाग के नियमों के मुताबिक प्रशासन इसके आयोजन के लिये सरकारी धन उपलब्ध नही करवा सकता है। यह तथ्य मुख्यमन्त्री और खेल मन्त्री के संज्ञान में रिकॉर्ड पर ला दिया गया था। इसके बावजूद इसमें कोई रास्ता निकालने के प्रयास के लिये प्रशासन पर काफी दबाव रहा है। खली स्वयं कुछ अधिकारियों से मिला। पूरा मामला मन्त्रीमण्डल की बैठक में भी लाया गया लेकिन कोई अन्तिम फैसला नही हो पाया। इस आयोजन के लिये चार करोड़ से अधिक की आवश्यकता थी। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमन्त्री और खेल मन्त्री इस आयोजन के लिये खली को अपनी वचनबद्धता दे चुके थे। मुख्यमन्त्री की वचनबद्धता भंग न हो पाये इसके लिये आयोजन का आवश्यक धन जुटाने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव और प्रधान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने संभाली थी। जिन विभागों का जनता से सीधा वास्ता पड़ता है उनके अधिकारियों से बैठके की गयी और बड़े अधिकारियों ने इस दिशा में ईमानदारी से प्रयास भी किये हैं। लेकिन इन प्रयासों से कितना धन इकट्ठा हो पाया है यह अभी तक सामने नही आ पाया है। वैसे तो इस आयोजन के लिये अति उत्साह दिखा रहे आयोजकों का दावा था कि इस आयोजन के लिये बिकने वाले टिकटों से ही इतना पैसा इकट्ठा हो जायेगा कि आयोजन का खर्चा निकालने के बाद शेष बचे धन को मुख्यमन्त्री राहत कोष मे दिया जायेगा लेकिन जिस तरह से आयोजन के टिकट बिक पाये हैं उससे पूरा खर्चा निकाल पाना भी संभव नही माना जा रहा है। ऐसे में सरकारी तन्त्र अप्रत्यक्षतः कितना सहयोग दे पाता है इस पर आयोजन की सफलता निर्भर करेगी जबकि अब खली ने ये भी कह दिया है कि वह इस खेल में न स्वयं भाग लेंगे और न ही विदेशी महिला खिलाड़ी।
दूसरी ओर संघ ने अपने एतराज से मुख्यमन्त्री को उनके सलाहकार के माध्यम से अवगत करवा दिया है। मुख्यमन्त्री इस आयोजन में दोनो जगह मण्डी और सोलन मे मुख्य अतिथि होने का वायदा कर चुके हैं ऐसे में जब स्टेज से राखी सावंत आदि का डांस दर्शकों को परोसा जायेगा तो उस पर बाद में संघ की क्या प्रतिक्रिया रहती है उस पर अभी से लोगो की निगाहें लग गयी है। संघ के संज्ञान के बाद जयराम के कितने मन्त्री और अधिकारी तथा केन्द्रिय मन्त्री इस आयोजन के दर्शक बन पाते हैं इस पर भी सबका ध्यान रहेगा।