वीरभद्र प्रकरण में आनन्द चौहान ने वापिस ली याचिका और ई.डी. ने अथॅारिटी में दायर किया चालान

Created on Monday, 06 June 2016 10:53
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। वीरभद्र मामले में सहअभियुक्त बने आनन्द चौहान ने प्रदेश उच्च न्यायालय में राहत की गुहार लगाते हुए जो याचिका दायर की थी उसे वापिस ले लिया है। अदालत में पहली जून को इस याचिका की मेनटेविलिटी पर हुई बहस के बाद चैहान ने याचिका वापिस लेने का निर्णय लिया। इस मामले में जब वीरभद्र के घर और अन्य स्थानों पर छापामारी हुई थी तब उसी समय उन्होने प्रदेश उच्च न्यायालय में इस कारवाई को चुनौती दी थी। इस चुनौती पर न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और सुरेश्वर ठाकुर की खण्डपीठ ने यह आदेश पारित किया था कि वीरभद्र की गिरफ्तारी की संभावना पहले उच्च न्यायालय को उसका आधार बताकर अनुमति लेनी होगी। चैहान और चुन्नी लाल ने भी इसी आधार पर यह याचिका यहां दायर की थी जबकि अब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानान्तरित हो चुका है।
दूसरी ओर इसी मामले में वीरभद्र और प्रतिभा सिंह के साथ ही उनके बेटे और बेटी की संपति भी ईडी ने अटैच कर रखी है। ई डी की इस कारवाई को चुनौती देते हुए वीरभद्र सिंह और उनके बच्चों ने दो अलग -अलग याचिकाएं दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर कर रखी है। विक्रमादित्य और अपराजिता सिंह की याचिका पर अटैचमैन्ट को जारी रखते हुए उच्च न्यायालय ने इस संबध में ईडी की अगली कारवाई पर रोक लगाते हुए ऐजैन्सी से 18 जुलाई को इसमें जवाब मांगा है। वीरभद्र और प्रतिभा सिंह ने इस संद्धर्भ में दर्ज हुए एफआईआर को रद्द करने उनके ठिकानों पर हुई छापामारी का आधार बने दस्तावेज देने तथा अटैचमैन्ट को समाप्त करने की गुहार अदालत से लगा रखी है। इस याचिका पर अदालत ने एफ आई आर रद्द करने और छापामारी का आधार बने दस्तावेज उन्हें उपलब्ध करवाने तथा अटैचमैन्ट समाप्त करने से स्पष्ट इन्कार कर दिया है। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि इस मामले में आपके बच्चे भले ही अभियुक्त नही है लेकिन वह इसके लाभार्थी है उच्च न्यायालय ने यह कहा है कि ई डी का कोई भी अगला आदेश इसमें तब तक प्रभावी नहीं होगा जब यह याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है। अब यह दोनो मामले 18 जुलाई को सुने जायेेेंगे ।
इस मामले में ई डी ने अपनी अथाॅरिटी में चालान दायर कर दिया है।अब इसी मामले में भाजपा नेता राज्य सभा सांसद डा. स्वामी ने भी एक ब्यान देकर इस मामले में कारवाई तेज किये जाने का आग्रह किया है। डा. स्वामी से जुडे सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियां उन्हंे मिली हैं जिनका वह शीघ्र ही ख्ुालासा करने वाले है। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने जो चालान इस मामले मे दायर किया है उसमें कई फोन नम्बरो का जिक्र भी आया है और पड़ताल करने पर यह भी खुलासा हुआ है कि कई नम्बर मार्च और अप्रैल में डी अैकटिवेट हो चुके हैं तथा कई नम्बरो के रिकार्ड पर वह उपभोक्ता है जिन्होने कभी इन नम्बरो का उपयोग ही नही किया है इन फोन नम्बरो के कारण कुछ राजनेता कुछ पत्रकार तथा कुछ अफसरशाह भी ट्रेल का पार्ट बने है। माना जा रहा है कि आनन्द चैहान ने इसी सारी जानकारी के बाद प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था यह भी चर्चा है कि विक्रमादित्य के नाम पर अपरोक्ष/अपरोक्ष में कुछ और संपतिया भी मण्डी कुल्लु में सामने आयी हैं जिनके बाहर आते ही पूरे मामले में और गंभीर मोड आ सकते हैं। यह भी चर्चा है कि सीबीआई ने भी इस मामले में शीघ्र चालान तैयार करने की तैयारी कर ली और वह इस सबंध में कुछ लोगों को पूछताछ के लिये नोटिस जारी कर चुकी है तथा इसमें कुछ की गिरफ्रतारी की भी संभावना बन चुकी है। कुल मिलाकर यह माना जा रहा है कि सीबीआई और ईडी दोनों के ही मामले अन्तिम चरण में पहुंच चुके हैं और ईडी के मामले में शीघ्र ही चार्ज लगने की स्थिति आ जायेगी।