रेणु साहनी धर और सी पी सुजाया की कडी में उपमा चौधरी

Created on Tuesday, 31 May 2016 06:29
Written by Shail Samachar


शिमला/शैल। प्रदेश का मुख्यसचिव कौन होता है इस पर प्रदेश की निगाहें लगी हुई हैं। मुख्यमंत्राी किस पर अपना भरोसा जताते हैं और उस भरोसे का आधार क्या रहेगा इसका खुलासा तो आने वाले दिनों में आमने आयेगा। लेकिन यह तय माना जा रहा है कि वीरभद्र शासन में किसी महिला का मुख्यसचिव बन पाना संभव नही है। इस समय वरियता में सानन और विनीत चौधरी के बाद उपमा चौधरी का नाम आता है। उपमा का दामन एक-दम पाक साफ है। उसकी एसीआर भी outstanding है। लेकिन इसके बावजूद भी मुख्यमंत्राी उस पर भरोसा जताने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि वीरभद्र की नजरे इनायत उनके करीबी वी सी फारखा पर रहेगी।
लेकिन इस मौके पर सचिवालय के गलियारों से लेकर सकैण्डल तक एक चर्चा अवश्य आ गई है। और इस चर्चा में पूर्व में मुख्यसचिव पद के लिए नजरअन्दाज हुई दो महिला अफसरों का नाम सबकी जुबान पर आ गया है। पुर्व में वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी रेणु साहनी धर और सी पी सुजाया के नाम लोग याद कर रहे हैं। इन अधिकारियों को भी मुख्य सचिव की ताजपोशी से वंचित रखा गया था। आज यदि वी सी फारखा मुख्य सचिव का पद पाने में सफल हो जाते हैं तो कांग्रेस और वीरभद्र के साथ यह जुड़ जाएगा कि वह महिला अधिकारियों को मुख्य सचिव जैसे पद के योग्य ही नहीं मानते हैं क्योंकि उपमा चौधरी का नाम इस कड़ी में तीसरा जुड़ जायेगा।
इस समय आई ए एस और आई पी एस तथा अन्य सेवाओं में दर्जनों महिला अधिकारी है।। इन अधिकारियों के मनोबल पर किस तरह का असर पडेगा और यह अधिकारी कांग्रेस और वीरभद्र सिंह को लेकर इस सं(र्भ में किस तरह की धारणा बनाते हैं इसका खुलाया भी आने वाले दिनों में ही सामने आयेगा। लेकिन इन दिनों बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आदि के जो कार्यक्रम चल रहे हैं उन कार्यक्रमों पर भी यह सवाल तो अवश्य ही उठेगा कि क्या हम ईमानदारी से ही इन कार्यक्रमों को अंजाम दे रहे हैं या फिर केवल एक रस्म अदायगी ही निभाई जा रही है। उधर कुछ सिरफिरे इस नजरअन्दाजी को आने वाले चुनावों में कांग्रेस और वीरभद्र के महिला आदर सम्मान की सच्चाई के रूप में भी भुनाने का प्रयास करने की योजना अभी से ही बनाने लगे हैं।