क्या प्रबोध सक्सेना को सेवा विस्तार या पुनर्नियुक्ति मिल पायेगी ?

Created on Saturday, 22 March 2025 14:08
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। रेरा अध्यक्ष पद काफी समय से खाली चला आ रहा है। इस पद को भरने की सारी प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी साक्षात्कार के बाद अपनी सिफारिशें भी सरकार को भेज चुकी है। परन्तु सरकार ने अभी तक अगली कारवाई पूरी नहीं की है। इस पद के लिये शायद मुख्य सचिव भी प्रार्थी थे क्योंकि वह 31 मार्च को सेवानिवृत हो रहे हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना आई.एन.एक्स. मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ सह अभियुक्त हैं और यह मामला सी.बी.आई. अदालत में लंबित चल रहा है। प्रदेश सरकार को इस मामले की अधिकृत जानकारी है। रेरा के अध्यक्ष पद के लिये चली चयन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश के क्रामिक विभाग ने इसकी आधिकारिक जानकारी हाउसिंग सचिव को भी प्रेषित की है। इस मामले के लंबित चलते प्रबोध सक्सेना को कोई पुनःर्नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। यह केंद्र के कार्मिक विभाग द्वारा अक्तूबर 2024 में अधिसूचित निर्देशों से स्पष्ट हो जाता है। बल्कि अक्तूबर 2024 के बाद सक्सेना को कोई संवेदनशील नियुक्ति नहीं दी जा सकती थी। लेकिन केंद्र के इन निर्देशों के बाद भी राज्य सरकार में इस दिशा में कोई कारवाई नहीं की है।
प्रदेश सरकार द्वारा इन निर्देशों को जिस तरह से नजर अंदाज किया गया है उससे यह चर्चा चल पड़ी है कि सरकार सक्सेना को सेवा विस्तार दिलवाने के लिये अपना पूरा जोर लगा देगी। यह धारणा इसलिये बन रही है कि सरकार ने धर्मशाला के योल कैंट निवासी अनूप दत्ता की शिकायत पर अभी तक कोई कारवाई नहीं की है। जबकि अनूप दत्ता की शिकायत में सक्सेना के खिलाफ बहुत ही गंभीर आरोप हैं। जिन पर देर सवेर कारवाई करनी ही पड़ेगी। ऐसे में यह माना जा रहा है कि जिस तरह का व्यवस्था परिवर्तन का सूत्र लेकर सुक्खू सरकार चल रही है उसमें इसी तरह के अधिकारी ज्यादा उपयोगी और सुलभ माने जा रहे हैं। यदि इस संद्धर्भ में उठी चर्चाओं को अधिमान दिया जाये तो मुख्यमंत्री स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर इस सेवा विस्तार के लिये गुहार लगा सकते हैं।
इसमें यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र कैसे अपने ही फैसले के खिलाफ जाती है। इसी के साथ यह भी दिलचस्प हो गया है कि सुक्खू सरकार कितनी देर तक अनूप दत्ता की शिकायत पर कारवाई टालकर शिकायत में नामजद अधिकारियों को बचाने का प्रयास करती है।

यह है अनूप दत्ता की शिकायत