नव नवनियुक्त मंत्रियों को नहीं मिल पाये विभाग

Created on Wednesday, 20 December 2023 12:47
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने बारह दिसम्बर को अपने मंत्रिमण्डल का पहला विस्तार करते हुये दो मंत्रियों की नियुक्ति की थी। इस विस्तार में बिलासपुर से राजेश धर्माणी और कांगड़ा के जयसिंहपुर से यादविन्द्र गोमा को मंत्री बनाया गया है। इन दो मत्रियों की नियुक्ति के बाद भी मंत्री परिषद में एक स्थान खाली रखा गया है। इस खाली रखे गये स्थान से यह स्पष्ट है कि मंत्रिपरिषद में एक और विस्तार होगा। इस विस्तार में किसको जगह मिलती है यह तो विस्तार के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन अभी हुये विस्तार से यह सवाल उठने लग गया है कि क्या अब क्षेत्रीय सन्तुलन बन पाया है? फिर इन मंत्रियों को विधानसभा सत्र शुरू होने तक विभाग नहीं दिये जा सके है। यदि सत्र के दौरान भी यह लोग बिना विभागों के ही रह जाते हैं तो आने वाले समय में कई वैधानिक प्रश्न भी खड़े हो सकते हैं जो तमिलनाडू में वी.सेंथिल बालाजी के संद्धर्भ में मद्रास उच्च न्यायालय में उठ चुके हैं। क्योंकि जब तक मंत्री के पास किसी विभाग की जिम्मेदारी ही नहीं होगी तो उसे बतौर मंत्री वेतन कैसे दिया जा सकेगा? क्योंकि सरकार के रूल्स ऑफ बिज़नेस में बिना प्रभार के मंत्री की अवधारणा नहीं है।
इसी के साथ यह संदेश भी अनचाहे ही जनता में जा रहा है कि विभाग आवंटन को लेकर मंत्रियों में कोई सहमति नहीं बन रही है। यह भी अटकलें लगायी जा रही है कि इस आवंटन में मुख्यमंत्री कोई बड़ा विभागीय फेर बदल करने तो नहीं जा रहे।