‘आप’ की प्रदेश इकाई को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व चिंतित बड़े फैसले की संभावना बढ़ी

Created on Monday, 06 June 2016 11:30
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। हिमाचल प्रदेश को 2017 के विधानसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह की कांग्रेस व धूमल की भाजपा से मुक्त कराने के दावे करने वाली आप पार्टी की राज्य इकाई के संयोजक राजन सुशांत व राज्य प्रवक्ता सुभाष चंद के बीच भंयकर वाकयुद्ध हुआ व इसके एक दिन बाद संयोजक राजन सुशांत ने रिटेंशन पाॅलिसी व बिजली बिलों को लेकर प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार पर हमला बोला।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सुशांत व सुभाष दोनों के बीच पार्टी मीटिंग में जबरदस्त वाकयद्ध हुआ और दोनों ने एक दूसरे की शिकायतें आला कमान से की है। कहा जा रहा है कि आलाकमान को इस वाकयुद्ध की आडियो भी भेजी गई है। राज्य प्रवक्ता सुभाष ही नहीं आप के युवा प्रभारी के साथ भी वाकयुद्ध हुआ है।
ऊना रैली उसके बाद सुंदरनगर का बूूथ प्रभारियों का सम्मेलन व अब पार्टी मीटिंग में हुए वाकयुद्ध की सारी जानकारी प्रदेश प्रभारी संजय सिंह को है लेकिन संजय सिंह व आप के बड़े बाकी नेता प्रदेश की इकाई में चले घमासान पर पूरी तरह से खामोश है और तमाशा देख रहे है। लेकिन इस तरह की घटनाओं से पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल व संजय सिंह भाजपा व कांग्रेस के नेताओं की नजरों में खुद तमाशा बनते जा रहे हैै।
यहां ये गौरतलब है कि राजन सुशांत व सुभाष चंद्र दोनों ही भाजपा से आम आदमी पार्टी में आए हैं। सुशांत के राजनीतिक गुरू भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार हैं तो सुभाष भाजपा के दूसरे बड़े नेता प्रेम कुमार धूमल की चैखट से बाहर निकल कर आए हैं। शांता कुमार ने सुशांत तो धूमल ने सुभाष को अगल-अलग समय पर ऐन मौकों पर पटखनी दी है। सुशांत धूमल के निशाने पर रहे हैं तो सुभाष को वीरभद्र के साथ-साथ धूमल का भी साथ नही मिला है। लेकिन कहा जाता है कि दोनों के संपर्क अपने पुराने आकाओं व उनके लोगों से किसी न किसी तरह बने हुए हंै। इस भयंकर वाकयुद्ध के पीछे समझा जा रहा है कि सुभाष धूमल खेमें के कई नेताओं समेत पहले भाजपा में रह चुके बाकी नेताओं को भी आप में शामिल कराना चाहते है जबकि सुशांत धूमल खेमे के किसी भी नेता को फूटी आंख नही सुहाते है। वो भाजपा में अपने चहेतों को पार्टी में लाना चाहते हैं।
उधर वीरभद्र सिंह व धूमल अपने लोगों को किसी भी तरह आप में घुसपैठ करवाने की फिराक में हैं। कांग्रेस व भाजपा ने दिल्ली में भी इसी तरह का खेल खेला था जिससे अरविन्द केजरीवाल को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। वीरभद्र सिंह व धूमल पहले भी इस तरह केे खेल खेलते रहे हंै। इन सब मसलों को लेकर हिमाचल आप में शुरू से जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है। जिससे न तो सुशांत बाहर आ पा रहे और न ही केजरीवाल व संजय सिंह कुछ फैसला ले रहे हैं। इस स्थिति के बीच सुशांत समय समय पर वीरभद्र सिंह सरकार व धूमल पर जुबानी हमला बोलकर अपनी राजनीति आगे बढ़ा रहे है। ये वो भी जानते है कि उनके साथ तो पार्टी के पदाधिकारी है और न ही जनता। वो जतना को अपने साथ जोड़ने में भी नाकाम साबित हुए हैं। जिन लोगों को जोड़ा गया है, उनका जुलूस खुद संजय सिंह सुंदरनगर में बूथ प्रभारियों की हुई बैठक में निकाल चुके हैं।
आप की खराब हालात के बीच आज राजन सुशांत ने रिटेंशन पाॅलिसी व बिजली बिलों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। पार्टी ने जरूरत से ज्यादा बिजली बिल वसूल कर उपभोक्ताओं की जेब ढीली करने का आरोप सरकार व राज्य बिजली बोर्ड पर लगाया है।
आप के प्रदेश संयोजक राजन सुशांत ने पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य विद्युत बार्ड द्वारा बिजली बिल में मीटर रैंट सहित अन्य कई तरह के चार्जिज लगाए जा रहे हैं, जो कि सरासर गलत हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड द्वारा 200 से लेकर 700 रूपये तक की कीमतों के मीटर लगाए गए हैं। जिनकी एवज में बिजली बिलों में हर महीने 15 रूपये मीटर रेंट वसूला गया। लेकिन पिछले कई दशकों से यह मीटर रैंट उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा है। जबकि मीटर की असल कीमत मात्रा एक साल के बिल में ही पूरी हो जाती है।
उन्होंने कहा कि मीटर रैंट के नाम पर बिजली बिलों में वसूली का चलन अभी भी बदस्तूूर जारी है और इसे रोकने के लिए सरकार को तुरंत पहल करनी चाहिए।
बिजली बिलों में 50 से 70 रूपये तक सर्विस चार्ज वसूला जाने को भी सुशांत ने अनुचित ठहराया और कहा कि बिजली की दरें निर्धारित करने से पहले विद्युत नियामक आयोग 9 प्रकार के अलग-अलग खर्चे पहले ही जोड़ लेता है। ऐसे में बिजली बिल पर सर्विस जार्च और अन्य शुल्क लगाए जाना व्यवहारिक नही है।
सुशांत ने कहा कि प्रदेश में 22 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं, जिनमें साढ़े 19 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं तथा बिजली बोर्ड की मनमानी से उनकी जेबों पर डाका डाला जा रहा है।
सुशांत ने यह भी कहा कि बिजली बिलों के मुद्दे पर सरकार का दोहरा चेहरा सामने आया है। एक तरफ बिलों में अनुचित खर्चे जोड़कर ग्राहकों को गुमराह किया जा रहा है और दूसरी तरफ राज्य सरकार बिजली बिलों पर सब्सिडी देकर अपनी पीठ थपथपा रही है।
आप नेता ने कहा कि बिजली बिल के मुददे को पार्टी जोरशोर से उठाएगी और जनता को जागरूक करने के लिए 8 जून को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में दो घंटे का धरना दिया जाएगा। बाद में पार्टी के नेता विधानसभा हल्कों में संबंधित जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सोंपेंगे। उन्होंने रिटेंशन पाॅलिसी पर कहा कि जो क्षेत्रा नगर निगम में बाद में मिलाए गए है उनके मकान मालिकों की क्या गलती है । उन्होंने तो मकान बहुत पहले बना लिए है। उन्हें मकान नियमित करने के लिए पैसा क्यों देना चाहिए।
जो भी हो आम आदमी पार्टी में चल रही जंग पर प्रदेश कांग्रेस व भाजपा में खूब चुटकुले सुनाए जा रहे है। इसी बीच यह भी जानकारी बाहर आयी है कि पार्टी का केन्द्रिय नेतृत्व शीघ्र ही इस बारे में कोई बड़ा फैसला ले सकता है। माना जा रहा है कि केन्द्रिय नेतृत्व यहां के सारे पदाधिकारियों को हटाकर सारी कमान अपने हाथ में ले सकता है।