अटल टनल से सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका गायब होने पर भड़की कांग्रेस पुलिस में दी शिकायत

Created on Wednesday, 14 October 2020 11:13
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। जिस अटल टनल का उद्घाटन प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने तीन अक्तूबर को किया है इसका शिलान्यास 28 जून 2010 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद की मेयर पर्सन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया था। उस समय प्रदेश में मुख्यमन्त्री प्रेम कुमार धूमल थे और वीरभद्र केन्द्र में ईस्पात मन्त्री थे। इस शिलान्यास में यह सभी लोग शामिल थे और इसकी पट्टिका वहां पर लगाई गयी थी लेकिन अब जब इस अटल टनल का प्रधानमन्त्री ने उद्घाटन किया तब यह शिलान्यास पट्टिका वहां से गायब हो गयी। इस पर जब कांग्रेस ने सवाल उठाया तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संसद सुरेश कश्यप ने यह जवाब दिया कि कांग्रेस भी अपने शासन में ऐसे पट्टिकाओं को बदलती रही है और इसके कई प्रमाण उनके पास हैं। भाजपा अध्यक्ष के इस जवाब से स्पष्ट हो जाता है कि शिलान्यास पट्टिका को पूरी सोच समझ के साथ ही वहां से हटाया गया है।
स्मरणीय है कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने भी उद्घाटन अवसर पर कहा था कि उनसे पहले की सरकारों में ईच्छाशक्ति का अभाव था इसलिये बड़ी योजनाओं पर काम नहीं हो सका। प्रधानमन्त्री के इस कथन से यह गंध आती है कि उनसे पहले देश में किसी ने कुछ किया ही नहीं है। जो कुछ भी विकास हुआ है वह मोदी के आने पर ही हुआ है। स्वभाविक है कि जब शीर्ष पर बैठे हुए व्यक्ति में ऐसी मानसिकता घर कर लेती है तब नीचे का हर व्यक्ति भी उसी मानसिकता से ग्रस्त हो जाता है और आज शायद भाजपा इसी का शिकार हो रही है। जो नेता ऐसी सोच से सहमत नही होते हैं उन्हें ऐसे अवसरों पर आने से ही रोक दिया जाता है। सुरेश कश्यप का जवाब इसी मानसिकता की पुष्टि करता है।
इस शिलान्यास पट्टिका के गायब कर दिये जाने पर कांग्रेस को एक मुद्दा मिल गया है। मनाली ब्लाक कांग्रेस ने वाकायदा इस संबंध में शिकायत दर्ज करवायी है और पुलिस थाना कैलांग ने इस आश्य की एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने इस संबंध में मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर डीजीपी और जिला कुल्लु को पत्र लिखकर पन्द्रह दिनों में इस शिलान्यास पट्टिका को पुनः स्थापित करने और दोषियों के खिलाफ बड़ी कारवाई करने की मांग की है अन्यथा कांग्रेस इस मुद्दे को प्रदेश की जनता के सामने ले जायेगी। इस समय पूरा देश किसान आन्दोलन के कारण उबल रहा है। हिमाचल के किसान बागवान भी इस पर अपना रोष प्रकट कर चुके हैं। ऐसे माहौल में कांग्रेस को सरकार के सारे जन विरोधी फैसलों को जनता में ले जाने का अवसर मिल गया है। राठौर ने इस संद्धर्भ में आरोप लगाया है कि जब कोरोना के कारण आम आदमी की पूरी वित्तिय स्थिति प्रभावित हो गयी है तब ऐसे वक्त में सरकार ने अपनी तिजोरी भरने के लिये बिजली, पानी मंहगा किया फिर बस किराये बढा दिये और अब अस्पतालों में टेस्टों के रेट बढ़ा कर एक और बोझ जनता पर डाल दिया है। पिछले सात महीने से लोगों के काम धन्धे बन्द हैं और सरकार लगातार मंहगाई परोसती जा रही है। राठौर ने इन सारे बढ़े हुए दामों को वापिस लेने की मांग करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि सीमेन्ट कंपनीयों के दवाब में प्रदेश को लूटा जा रहा है। राठौर ने किसानों बागवानों के कृषि क्रेडिट कार्ड पर चक्रवृद्धि ब्याज वसूलने पर कड़ा एतराज जताते हुए इसे तुरन्त प्रभाव से बन्द करने की मांग की है।
माना जा रहा है कि शिलान्यास पट्टिका गायब किये जाने से कांग्रेस को सरकार के खिलाफ जनता में जाने के लिये एक बहुत ही प्रभावी मुद्दा मिल गया है। सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है क्योंकि इस तरह का आचरण सबके विकास, सबके साथ और सबके विश्वास से एकदम उल्ट है। ऐसे में सारे फैसलों को मिलाकर जनता के लिये एक बड़ा मुद्दा बन जाता है।